पेट्रोल-डीजल पर GST लगा तो सस्ता होगा या महंगा? जानें आपकी जेब पर क्या होगा असर
GST On Petrol And Diesel : पेट्रोल और डीजल पर महंगाई की मार से जनता त्रस्त है। आए दिन पेट्रोल और डीजल की कीमत में भारी बढ़ोतरी होती रहती है। कच्चे तेल की कीमत कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमत पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता। ऐसे में काफी लोगों की मांग रही है कि इन्हें भी वस्तु एवं सेवा कर (GST) दायरे में लाया जाए। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रालयों के बंटवारे के बाद सरकार इस प्रक्रिया में कुछ कदम आगे बढ़ा सकती है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक सरकार का प्रयास होगा कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाए।
तो क्या सस्ता हो जाएगा पेट्रोल और डीजल
अब सवाल है कि अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर GST लगा देती है तो क्या इसकी कीमत कम हो जाएगी? तो इसका जवाब है हां। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब सरकार ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने की बात कही है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से ऐसी बातें सामने आती रही हैं।
पेट्रोल डीजल पर लग सकता है GST
अभी इतना लिया जाता है टैक्स
अभी पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और सरकार की तरफ से करीब 50 फीसदी टैक्स लिया जाता है। यह टैक्स केंद्र सरकार (एक्साइज ड्यूटी) और VAT (राज्य सरकारों द्वारा) के रूप में लिया जाता है। इसके अलावा इसमें डीलर की कमीशन भी शामिल होती है। लगने वाले कुल टैक्स में आधे से ज्यादा हिस्सा केंद्र सरकार का होता है। इन टैक्स के कारण ही जनता को तेल की भारी कीमत चुकानी पड़ती है। वहीं अगर इन सभी टैक्स को हटाकर सिर्फ GST लगाया जाए तो तेल की कीमत काफी कम हो जाएगी। अभी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है। इसका ब्रेकअप इस प्रकार है:
कंपनी की तरफ से कीमत : 55.66 रुपये
एक्साइज ड्यूटी : 19.20 रुपये
डीलर की कमीशन : 3.77 रुपये
VAT (दिल्ली में) : 15.39 रुपये
कुल कीमत : 94.72 रुपये प्रति लीटर
GST लगने पर यह होगी स्थिति
कंपनी की तरफ से कीमत : 55.66 रुपये
डीलर की कमीशन : 3.77 रुपये
GST (28% अधिकतम मानने पर) : 16.64 रुपये
कुल कीमत : 76.07 रुपये
ऐसे में GST लगने के बाद आपको पेट्रोल पर प्रति लीटर 18.65 रुपये का फायदा होगा।
VAT से कमाई करती हैं राज्य सरकार
अभी पेट्रोल और डीजल पर VAT लाया जाता है। यह कितना लिया जाएगा, इस बारे में राज्य सरकारें तय करती हैं। पेट्रोल और डीजल पर VAT लगाकर इससे राज्य सरकारें कमाई करती हैं। यही कारण है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है।
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