विकास दर की रफ्तार को कैसे बढ़ाए भारत? PM Modi ने Pre-Budget मीटिंग में दिया मंत्र
Pre Budget Meet With PM: फरवरी में पेश होने वाले देश के बजट की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अर्थशास्त्रियों के साथ एक प्री-बजट मीटिंग की। इस बैठक में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्यों को हासिल करने पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद देश 7-8% की विकास दर दोबारा हासिल कर सकता है।
विकसित भारत पर जोर
बजट-पूर्व बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि मानसिकता में बदलाव लाकर 2047 का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी अमेरिका और चीन के बीच संभावित टैरिफ युद्ध के चलते भारत के लिए उपलब्ध होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक योजनाओं के संदर्भ में है। पीएम मोदी ने इस पर भी जोर दिया कि भारत कैसे लाभ उठा सकता है और वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बन सकता है।
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इन पर मिले सुझाव
मंगलवार को हुई बैठक में अर्थशास्त्रियों ने विकास बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देने के साथ-साथ जॉब क्रिएशन, कौशल विकास, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निजी निवेश आकर्षित करने और निर्यात को बढ़ावा देने सहित कई मुद्दों पर सुझाव दिए। बता दें कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4% पर आ गई है, जिससे नीति निर्माताओं में चिंता बढ़ गई है और ब्याज दरों में कटौती की मांग उठने लगी है।
टैक्स रिफॉर्म पर जोर
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने, निजी निवेश को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर भी बात हुई। अर्थशास्त्रियों ने डायरेक्ट एवं इनडायरेक्ट टेक्स रिफॉर्म पर भी विशेष जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए कई सुधारों का सुझाव दिया जैसे कि TOP (टमाटर, प्याज और आलू) सहित सब्जियों के लिए एक मजबूत वैल्यू चेन। इस बैठक में ट्रेड और एक्सपोर्ट जैसे विषयों पर भी बात हुई।
बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम और पीएमओ एवं वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मीटिंग का हिस्सा बने एक्सपर्ट्स में डॉ. सुरजीत एस भल्ला, डॉ. अशोक गुलाटी, डॉ. सुदीप्तो मुंडले, श्री धर्मकीर्ति जोशी, श्री जन्मेजय सिन्हा, मदन सबनवीस, प्रो. अमिता बत्रा, रिदम देसाई, प्रो. चेतन घाटे, प्रो. भरत रामास्वामी, डॉ. सौम्य कांति घोष, सिद्धार्थ सान्याल, डॉ. लवीश भंडारी, रजनी सिन्हा, प्रो. केशव दास डॉ. प्रीतम बनर्जी, राहुल बाजोरिया, निखिल गुप्ता और प्रो. शाश्वत आलोक रहे शामिल थे।