नहीं बिकेगा हल्दीराम ब्रांड! प्रमोटर्स बोले- ऑफर से खुश नहीं हैं हम
Haldiram Promoters Not Happy To Sell Company : हल्दीराम कंपनी के बिकने की प्रक्रिया एक बार फिर से टल सकती है। हाल ही में सामने आया था कि तीन विदेशी कंपनियों ने हल्दीराम कंपनी में 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई थी। इसके लिए उन्होंने काफी रकम की पेशकश की थी। अब हल्दीराम स्नैक्स फूड्स के प्रमोटर्स उस रकम से खुश नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि हल्दीराम के बिकने की प्रक्रिया फिर से टल सकती है या लटक सकती है।
कौन चाहता है खरीदना
हल्दीराम ब्रांड करीब 87 साल पुराना है। इसे खरीदने में दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट इक्विटी फंड ‘ब्लैकस्टोन’, अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर के जीआईसी ने रुचि दिखाई है। ये हल्दीराम में 74 से 76 फीसदी की हिस्सेदारी चाहती हैं। यह खरीदारी ब्लैकटोन के नेतृत्व में होने की बात सामने आई थी। हालांकि इस बिक्री को लेकर हल्दीराम का कोई बयान सामने नहीं आया था।
हल्दीराम के बिकने की प्रक्रिया फिर से टल सकती है।
70 हजार करोड़ रुपये लगाई थी वैल्यू
ब्लैकस्टोन ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 8 से 8.5 अरब डॉलर (करीब 70 हजार करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन लगाई थी। हल्दीराम कंपनी के प्रमोटर्स को यह ऑफर पसंद नहीं आया है। ऐसे में हो सकता है कि वे ब्लैकस्टोन कंपनी के इस ऑफर को नकार दें। अगर ऐसा होता है तो कंपनी की बिक्री एक बार फिर से टल जाएगी।
पिछले साल टाटा ने जताई थी इच्छा
यह पहली बार नहीं है जब हल्दीराम के बिकने की बात सामने आई। इससे पहले भी हल्दीराम के बिकने की बात सामने आ चुकी है। पिछले साल सितंबर में टाटा ने भी हल्दीराम को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी। उस समय यह बात सामने आई थी कि टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है। हालांकि बाद में हल्दीराम ने इन खबरों को गलत बताया और हिस्सेदारी बेचने का खंडन किया।
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87 साल पहले शुरू हुआ था कारोबार
हल्दीराम नमकीन का कारोबर हल्दीराम (गंगा भिसेन अग्रवाल) ने 87 साल पहले राजस्थान के बीकानेर से शुरू किया था। आज इस बिजनेस को परिवार के 3 सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों से संभालते हैं। ये बिजनेस दिल्ली, नागपुर और कोलकाता से किए जाते हैं। परिवार के तीन सदस्य अलग-अलग कंपनियां बनाकर हल्दीराम ब्रांड के तहत इसे देशभर में चला रहे हैं। आज गंगा भिसेन की तीसरी और चौथी पीढ़ी इस बिजनेस को संभाल रही है।
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