होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

QIP पर क्यों प्यार लुटा रहीं कंपनियां, कैसे बना फंड जुटाने का फेवरेट टूल?

QIP Fundraising: लिस्टेड कंपनियों के बीच फंड रेजिंग के लिए QIP बेहद लोकप्रिय होता जा रहा है। इस साल नवंबर तक QIP के जरिये रिकॉर्ड फंड जुटाया गया है।
09:46 AM Dec 16, 2024 IST | News24 हिंदी
Advertisement

Stock Market Knowledge: शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां फंड जुटाने के लिए समय-समय पर कई कदम उठाती हैं। क्यूआईपी यानी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट भी इसका एक तरीका है। पिछले कुछ वक्त में QIP फंड जुटाने के लिए कंपनियों का सबसे फेवरेट टूल बनकर सामने आया है। इस साल QIP के जरिए रिकॉर्ड फंड जुटाया गया है। यह पहली बार है जब किसी कैलेंडर वर्ष में QIP से फंडिंग का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है।

Advertisement

इस साल जुटाया इतना

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने इस साल नवंबर तक QIP के जरिए 1.21 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 52,350 करोड़ रुपए था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फंड जुटाने के लिए कंपनियों को QIP कितना पसंद आ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर QIP है क्या? इसका जवाब जानने से पहले QIP के सामने आए आंकड़ों को समझते हैं।

ये कंपनियां रहीं आगे

इस साल QIP के जरिए कई बड़ी कंपनियों ने पैसा जुटाया, जिसमें ग्रुप वेदांता और जोमैटो सबसे आगे रहे। इन दोनों ने QIP के माध्यम से 8500-8500 करोड़ रुपए तक जुटाए। इसी तरह, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने 8,373 करोड़ और वरुण बेवरेजेज ने 7,500 करोड़ रुपए जुटाए। QIP के जरिये फंड जुटाने वालों में संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, गोदरेज प्रॉपर्टीज, KEI इंडस्ट्रीज, पंजाब नेशनल बैंक, JSW एनर्जी और प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के नाम भी शामिल हैं।

यह भी पढ़ें - Stock Market में आज इन 5 शेयरों में एक्शन दिखना तय

Advertisement

क्या है QIP?

चलिए अब QIP को समझते हैं। QIP यानी Qualified Institutional Placement बाजार से रकम जुटाने का एक तरीका है। QIP के लिए बाजार नियामक SEBI से मंजूरी लेनी होती है। हालांकि, इसके लिए कंपनियों को आईपीओ जितनी कागजी कार्रवाई की ज़रूरत नहीं होती। इसलिए यह कंपनियों के लिए फंड जुटाने का फेवरेट टूल बनता जा रहा है।

क्या होता है QIP में?

QIP के तहत कंपनियां नए इक्विटी शेयर, डिबेंचर, वारंट्स जैसी सिक्योरिटीज़ जारी करके योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) से फंड जुटाती हैं। QIB में इंश्योरेंस कंपनियां, वित्तीय संस्थान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, विदेशी संस्थागत निवेशक, वेंचर्स कैपिटल फंड्स आदि शामिल हैं। QIP में रिटेल निवेशक पैसा नहीं लगा सकते।

आखिर QIP ही क्यों?

एक सवाल यह भी है कि QIP में कैसा क्या है कि कंपनियां इसे ज्यादा तवज्जो देती हैं? दरअसल, QIP की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी प्रक्रिया FPO ( Follow-on Public Offer) या राइट्स इश्यू की तुलना में काफी सरल है। इसके अलावा, इसमें निवेश करने वाले अनुभवी इन्वेस्टर्स होते हैं और उनके पास लॉन्ग टर्म नजरिया होता है। इसलिए कंपनियां QIP को तवज्जो देती हैं।

कैसे तय होता है भाव?

QIP के लिए कंपनी नियमों के अनुसार शेयर का भाव तय करती है। QIP का भाव शेयर के 2 हफ्ते के औसत भाव से कम नहीं हो सकता। बता दें कि QIP की शुरुआत सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया यानी SEBI ने साल 2006 में की थी।

Open in App
Advertisement
Tags :
5 trending stocksStock Market
Advertisement
Advertisement