क्या SEBI ने नॉमिनी को लेकर बदला नियम? जानें क्या है वायरल खबर की सच्चाई
Has SEBI Changed Rule Related To Nominee : सोशल मीडिया पर एक खबर काफी वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि अगर आप शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो अपने अकाउंट में नॉमिनी का नाम जुड़वा लें। नॉमिनी का नाम न जुड़वाने पर अकाउंट फ्रीज कर दिए जाएंगे। इस खबर को लेकर काफी लोगों ने इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की। हालांकि बाद में जब इसे क्रॉस चेक किया गया तो मामला कुछ और ही निकला। दरअसल, सेबी ने इससे जुड़े एक नियम में बदलाव किया है। इस नियम में नॉमिनी से जुड़े नियमों को लेकर अकाउंट होल्डर को राहत दी गई है।
जानें, क्या है नियम
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए नॉमिनी से जुड़े नियम में बदलाव किया है। सेबी ने कहा है कि अगर किसी शख्स ने अपने डीमैट अकाउंट या म्यूचुअल फंड अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जुड़वाया है तो भी उसके अकाउंट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खुलवाना जरूरी होता है। सेबी ने कहा है कि नॉमिनी का नाम न जुड़वाने पर भी इन अकाउंट को फ्रीज नहीं किया जाएगा। हालांकि जॉइंट डीमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को छोड़कर नए निवेशकों के लिए नॉमिनेशन का ऑप्शन अभी भी अनिवार्य है।
मिलता रहेगा ब्याज
सेबी ने कहा कि नॉमिनी का नाम न जुड़वाने के बावजूद भी निवेशक डिविडेंड, ब्याज या रिडेम्पशन पेमेंट पाने के हकदार रहेंगे। इसके साथ ही निवेशक नामांकन का विकल्प न चुनने पर भी शिकायत दर्ज करने या आरटीए (इश्यू के रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट) से किसी भी सेवा का अनुरोध पाने के हकदार होंगे। वहीं सेबी ने कंपनियों से कहा है कि वह अपने कस्टमर को ईमेल और मैसेज के लिए नॉमिनी का नाम जुड़वाने के लिए प्रोत्साहित करें।
SEBI
क्याें जरूरी है नॉमिनी का नाम
केनरा बैंक में असिस्टेंट बैंक मैनेजर आदर्श सिंह के मुताबिक हर अकाउंट होल्डर को अपने अकाउंट में नॉमिनी का नाम जुड़वाना चाहिए। अगर अकाउंट में नॉमिनी का नाम होगा तो अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर नॉमिनी अकाउंट में जमा रकम को निकालने का हकदार होता है। ध्यान रखें कि नॉमिनी उस रकम का केयरटेकर होता है। उसकी जिम्मेदारी होती है कि अकाउंट होल्डर की रकम को उसके कानूनी वारिसों में बांट दें। नॉमिनी कोई भी शख्स हो सकता है। कोई रिश्तेदार, दोस्त या जानकार। हालांकि एक्सपर्ट बताते हैं कि नॉमिनी उसी शख्स को बनाया जाना चाहिए जो कानूनी वारिस हो। यहां यह भी ध्यान रखें कि नॉमिनी का नाम जुड़वाने के बाद उसे बताना भी चाहिए।
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