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SEBI ने शेयर ब्रोकर के लिए आसान किया यह नियम, ट्रेडिंग करना होगा आसान

SEBI Ease Rules For Stock Brokers : सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) शेयर मार्केट से जुड़े कई नियम लाता रहता है ताकि निवेशकों को कोई नुकसान या परेशानी न हो। सेबी ने अब ट्रेडिंग से जुड़ा एक नियम आसान कर दिया है। इससे स्टॉक ब्रोकर को फायदा होगा।
07:29 PM May 30, 2024 IST | Rajesh Bharti
SEBI
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SEBI Ease Rules For Stock Brokers : अगर आप शेयर ब्रोकर हैं तो यह खबर आपको काम की है। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने शेयर ब्रोकर के लिए एक नया नियम लागू किया है। यह नियम इंटरनेट बेस्ड ट्रेडिंग (IBT) से जुड़ा है। इस नियम के बाद ट्रेडिंग करना आसान होगा। सेबी के नए नियम के मुताबिक स्टॉक ब्रोकर को अब 7 दिनों में ही IBT के लिए मंजूरी मिल जाएगी। इसके लिए अभी 30 दिनों का समय लगता था। नए नियम का सेबी ने सर्कुलर जारी कर दिया है। साथ ही सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा प्रकाशित होने से पहले स्टॉक ब्रोकरों द्वारा IBT डेटा की पुष्टि की मौजूदा जरूरत को भी खत्म कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत अब स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर द्वारा दिए गए IBT टर्मिनलों के विवरण के आधार पर IBT डेटा प्रकाशित करेंगे।

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करना होगा आवेदन

नियमों के मुताबिक ब्रोकर को IBT सर्विस की अनुमति लेने के लिए संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में आवेदन करना होता है। सेबी के नए सर्कुलर के मुताबिक अब स्टॉक एक्सचेंज को अपने निर्णय की जानकारी ब्रोकर को 7 दिनों में देनी होगी। इंटरनेट पर ट्रेडिंग 'ऑर्डर रूटिंग सिस्टम' के जरिए हो सकती है। कोई भी शख्स देश के किसी भी हिस्से में बैठकर ब्रोकर की इंटरनेट ट्रेडिंग सिस्टम के जरिए इंटरनेट को माध्यम के रूप में इस्तेमाल करके ट्रेडिंग कर सकता है।

SEBI

IPO पर भी सख्ती

सेबी ने हाल में ट्रेडिंग से जुड़े कई और नियमों में बदलाव किया है। सेबी ने IPO की सही वैल्यूएशन के लिए KPI (Key Performance Indicator) डिस्क्लोजर पर सख्ती बढ़ाई है। वहीं सेबी का उन स्टार्टअप्स और डिजिटल कंपनियों के मामले में सख्ती बरतना है जो IPO लॉन्च करने का प्लान बना रहे हैं। सेबी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कंपनी के IPO में बोली लगाने वाले निवेशकों से शेयर की बहुत ज्यादा कीमत न वूसली जाए।

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कंपनी पर लगाया जुर्माना

सेबी ने हाल ही में पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी AGI ग्रीनपैक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर सही, पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर लगाया गया है। सेबी के आदेश में कंपनी पर भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी कंटेनर ग्लास बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (HNG) के अधिग्रहण के सौदे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया है।

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