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Success Story of Arushi Agarwal : एक करोड़ की नौकरी ठुकरा शुरू किया बिजनेस, आज 50 करोड़ की मालकिन

Success Story of Arushi Agarwal : बिजनेस में बड़ा बनने के लिए बड़ा रिस्क लेना पड़ता है। ऐसा ही रिस्क लिया नाेएडा से इंजीनियरिंग करने वालीं आरुषि अग्रवाल ने। इंजीनियरिंग करने के बाद उनके पास सालाना एक करोड़ पैकेज वाले भी नौकरी के ऑफर आए लेकिन उन्होंने सारे ऑफर ठुकरा दिए। उन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया। आज उनकी कंपनी की वैल्यू 50 करोड़ रुपये है।
08:00 AM Jun 14, 2024 IST | Rajesh Bharti
Arushi Agarwal Co Founder of TalentDecrypt
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Success Story of Arushi Agarwal : बड़ा इंसान बनने के लिए बड़ा सोचना पड़ता है और बड़ा रिस्क लेना पड़ता है। ऐसा ही कुछ किया आरुषि अग्रवाल ने। आरुषि मूल रूप से मुरादाबाद की रहने वाली हैं और अभी गाजियाबाद में रहती हैं। आरुषि ने नोएडा से इंजीनियरिंग की और बिजनेस में अपने सपने पूरे करने के लिए एक करोड़ रुपये के सालाना पैकेज वाली नौकरी ठुकरा दी। इतने बड़े पैकेज की नौकरी ठुकराना उनके लिए बड़ा रिस्क था। इसकी उन्होंने परवाह नहीं की। उन्होंने बहुत मात्र एक लाख रुपये से अपना बिजनेस शुरू किया। आज वह 50 करोड़ रुपये की मालकिन हैं। हालांकि आरुषि को बिजनेस में सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली।

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पहले जानते हैं क्या करती है कंपनी

आरुषि टैलेंटडीक्रिप्ट (TalentDecrypt) नाम से स्टार्टअप चलाती हैं। वह इस कंपनी की को-फाउंडर और CEO हैं। उनकी यह कंपनी युवाओं को उनकी मनचाही नौकरी दिलाने में मदद करती है। टैलेंटडीक्रिप्ट कोडिंग पर आधारित एग्जाम प्लेटफॉर्म है। जिन कंपनियों को जॉब के लिए लोगों की जरूरत होती है, वह इस सॉफ्टेवर की मदद से उनका ऑनलाइन एग्जाम लेती हैं। इसमें कई कड़े सिक्योरिटी फीचर का इस्तेमाल किया गया है। आरुषि की इस कंपनी में युवाओं को हैकाथॉन के जरिए वर्चुलअल टेस्ट और फिर कंपनियों के इंटरव्यू से गुजरना होता है। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही होती है। इसमें पास होने के बाद युवाओं को जॉब मिल जाती है।

आरुषि की कंपनी का सॉफ्टवेयर कुछ इस तरह दिखाई देता है।

पढ़ाई और सीखने के जुनून से मिली सफलता

आरुषि बताती हैं कि उनके लिए इस कंपनी को शुरू करने का सफर आसान नहीं था। नोएडा के एक इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने IIM बेंगलुरु से मैनेजमेंट और फिर IIT दिल्ली से इंटर्नशिप की। इसके बाद भी उनका पढ़ाई और चीजों को सीखने का जुनून कम नहीं हुआ। साल 2018 में आरुषि ने कोडिंग सीखी और सॉफ्टवेयर बनाना शुरू किया। अपने कड़ी मेहनत से उन्होंने मात्र डेढ़ साल में ही टैलेंटडीक्रिप्ट सॉफ्टवेयर बना डाला।

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आसान नहीं रही शुरुआत

आरुषि के इस स्टार्टअप की शुरुआत आसान नहीं रही। साल 2020 में उन्होंने कोरोना की चुनौतियों के बीच मात्र एक लाख रुपये से अपने बिजनेस की शुरुआत की। शुरुआत में कुछ परेशानी आई लेकिन बाद में उनके बिजनेस ने रफ्तार पकड़ ली। आज उनकी कंपनी अमेरिका, सिंगापुर, श्रीलंका, जर्मनी समेत दुनिया के 300 से ज्यादा देशों में सेवाएं दे रही है। एक लाख रुपये से शुरू हुई आरुषि की कंपनी आज करीब 50 करोड़ रुपये की हो चुकी है।

देश की टॉप महिला उद्यमियों में शामिल

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद आरुषि को कई जगह से जॉब के ऑफर आए। इसमें एक कंपनी ने उन्हें एक करोड़ का सालाना पैकेज का भी ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने उसे भी ठुकरा दिया और बिजनेस में अपने सपने को पूरा करने के लिए कदम बढ़ा दिया। अपनी मेहनत के दम पर कामयाब हुईं आरुषि देश की टॉप महिला उद्यमियों में शामिल हैं। नीति आयोग की टॉप 75 महिला उद्यमियों में उनका भी नाम है।

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