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Success Story : 8वीं में फेल, हिंदी मीडियम से पढ़ाई, खोल डाला बैंक और बन गए 100,000,000,000 रुपये के मालिक

Success Story Of Sanjay Agarwal : AU Small Finance Bank आज देश के प्रमुख बैंकों में एक है। इसकी शुरुआत राजस्थान के रहने वाले संजय अग्रवाल ने 1996 में की थी। हालांकि इसे बैंक के रूप में मान्यता 2017 में मिली। लेकिन यहां तक का सफर संजय के लिए आसान नहीं रहा। पढ़ाई में कमजोर होने के बावजूद उन्हें बैंक खोला और आज वह करीब 10 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। पढ़ें, संजय अग्रवाल की सक्सेस स्टोरी:
08:17 AM Jun 20, 2024 IST | Rajesh Bharti
success story of Sanjay Agarwal
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Success Story Of Sanjay Agarwal : सफलता को पढ़ाई और भाषा से कतई आंका नहीं जाना चाहिए। यह सिद्ध किया है राजस्थान के संजय अग्रवाल ने। संजय अग्रवाल पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे। वह 8वीं में फेल हो चुके थे। इसके बाद भी पढ़ाई बहुत अच्छे से नहीं हुई। अंग्रेजी में परेशानी आई तो हिंदी मीडियम से पढ़ाई की। आज संजय अग्रवाल 100,000,000,000 रुपये (10 हजार करोड़ रुपये) के मालिक हैं। वह देश के प्रमुख बैंक AU Small Finance Bank के फाउंडर हैं और इस समय वह बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हैं।

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आसान नहीं रहा सफर

संजय अग्रवाल की सफलता का सफर आसान नहीं रहा। संजय अग्रवाल के पिता राजस्‍थान इलेक्ट्रिक बोर्ड में इंजीनियर थे। संजय 8वीं में फेल हो गए। इसके बाद अंग्रेजी मीडियम छोड़ हिंदी मीडियम से पढ़ाई की। बाद में उन्होंने अजमेर के सरकारी कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन की। संजय चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दो बार एग्जाम दिया और दोनों बार फेल हो गए। इससे उन्हें काफी दुख हुआ। हालांकि बाद में उन्होंने और मेहनत की और तीसरी बार सीए का एग्जाम दिया। इस बार वह पास हो गए। कोर्स पूरा करने के बाद वह जॉब के लिए मुंबई चले गए।

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क्रिकेटर बनने का था सपना

संजय अग्रवाल क्रिकेटर बनना चाहते थे। यही कारण था कि उनका मन पढ़ाई में ज्यादा नहीं लगता था। परिवार के दबाव में आकर उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। नौकरी में उनका मन नहीं लगा। उनके मन में बिजनेस करने का ख्याल आया। वह नौकरी छोड़कर वापस जयपुर स्थित घर आ गए। यहां उन्होंने एक छोटी फाइनेंस कंपनी खोली। उस समय वह 25 साल के थे। यह छोटी फाइनेंस कंपनी आज बड़ा बैंक बन गई है। इसका नाम AU Small Finance बैंक है। इसका हेडक्वॉर्टर जयपुर में है।

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लोगों के निवेश से रखी शुरुआत

संजय ने जब इसकी शुरुआत की तो उनके पास कोई पूंजी नहीं थी। उन्होंने कुछ स्‍थानीय बिजनेसमैन को अपनी फाइनेंस कंपनी में निवेश करने के लिए तैयार किया। उन बिजनेस द्वारा किए गए निवेश से साल 1996 में AU Small Finance Bank की नींव रखी गई। उस समय बैंक का नाम AU Financiers (India) Ltd था। शुरुआत में उन्‍होंने छोटे वाहनों और पिकअप आदि को फाइनेंस करना शुरू किया, जिस पर ब्‍याज लेते थे। जब इनका बिजनेस बढ़ा तो बाद में ट्रक और ग्रेनाइट फैक्‍टरी को भी लोन देना शुरू कर दिया। यही कारण था कि इसे शुरू में NBFC के रूप में जाना जाता था।

HDFC बैंक के साथ पार्टनरशिप

संजय ने अपने इस बैंक को आगे बढ़ाया। साल 2002 में उनकी NBFC कंपनी को HDFC बैंक के साथ पार्टनरशिप करने का मौका मिला। इससे इनकी NBFC कंपनी के कामकाज में और गति आई। फिर 2009 में मोतीलाल ओसवाल की तरफ से फंडिंग भी मिली। साल 2017 में इनकी NBFC कंपनी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कमर्शियल बैंक में जोड़ दिया और इसका नाम बदलकर AU Small Finance Bank हो गया। इसके बाद तो बैंक के पर लग गए और बैंक आज एक के बाद एक नए आयाम लिख रहा है। इस बैंक की देशभर में करीब 1000 शाखाएं हैं। आज बैंक की कुल वैल्यू 45 हजार करोड़ रुपये है और संजय अग्रवाल की नेटवर्थ करीब 10 हजार करोड़ रुपये है।

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