Success Story : पिता करते थे मेडिकल शॉप में काम, बेटे ने कर दिया NEET क्रैक, बनेगा गांव का पहला डॉक्टर
Success Story of Prince: नीट एग्जाम को पास करना काफी मुश्किल भरा होता है। नियमित और खास प्लानिंग से पढ़ाई के जरिए ही इसमें सफलता पाई जा सकती है। कई बार मुश्किल हालात इस पढ़ाई में बाधा बनते हैं, लेकिन इन्हें पार कर जाने वाला ही मुकद्दर का सिकंदर कहलाता है। एक बार सफल होने के बाद चारों तरफ जो शोर सुनाई देता है, वह सुकून देने वाला होता है। ऐसा ही शोर मचाया था पिछले साल हुई नीट की एग्जाम में प्रिंस नाम के एक स्टूडेंट ने। प्रिंस की साल 2023 में हुई NEET एग्जाम में ऑल इंडिया रैंकिंग 2263 थी।
पिता का सपना किया पूरा
कोटा के फतेहपुर गांव में रहने वाले प्रिंस के लिए नीट का एग्जाम पास करना किसी सपने जैसा था। पिता लक्ष्मीचंद खेतों में मजदूरी का काम करते हैं। मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं। प्रिंस के पिता इससे पहले मेडिकल स्टोर में काम कर चुके हैं। वह सोचते थे कि उनकी जीवन उस समय सफल हो जाएगा जब उनका बेटा डॉक्टर बन जाएगा। उन्हें खुशी होगी कि मरीज बेटे के पर्चे पर लिखी दवाई खरीदने आएंगे।
बेटे के लिए बदल ली नौकरी
मेडिकल स्टोर पर काम करने से लक्ष्मीचंद को उतनी कमाई नहीं हो रही थी कि वह अपने परिवार का खर्चा सही से चला सकें और बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए फीस का जुगाड़ कर सकें। इसे देखते हुए उन्होंने मेडिकल स्टोर की वह नौकरी छोड़ दी और और खेतों में मजदूरी करने लगे।
पढ़ाई के लिए रोजाना 25 किलोमीटर तक बस से जाते थे प्रिंस।
मुश्किल हालातों से किया सामाना
प्रिंस के लिए नीट का एग्जाम क्रैक करना इतना आसान नहीं था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के खतौली से हुई है। 11वीं में पढ़ाई के लिए उन्हें इटावा के स्कूल में दाखिला लेना पड़ा। स्कूल जाने के लिए उन्हें रोजाना बस से 25 किलोमीटर का सफर करना पड़ा था। कई बार कई घंटे तक बस नहीं आती थी। प्रिंस ने राजस्थान बोर्ड के अंतर्गत हिंदी मीडियम से पढ़ाई की है। उन्होंने 10वीं में 93.17 फीसदी और 12वीं में 96.20 फीसदी अंक मिले थे।
बिना कोचिंग किए पाई सफलता
परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह प्रिंस को कोचिंग के लिए कहीं भेज सकें। इसलिए प्रिंस ने नीट की तैयारी बिना कोचिंग के घर पर ही की। पहले ही प्रयास में उन्हें 583 नंबर मिले। उन्हें लगा कि अगर उन्हें कोचिंग मिली होती तो शायद उन्हें और अच्छे अंक मिल सकते थे। उन्हें एक टीचर ने बताया कि अच्छे नंबर लाने से सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला जाता है जिसमें बहुत ज्यादा फीस नहीं जाती। इसके बाद प्रिंस ने और मेहनत शुरू की। प्रिंस बताते हैं कि उन्होंने 12वीं से यू-ट्यूब देखकर नीट की पढ़ाई शुरू कर दी थी।
कोचिंग सेंटर से मिले ऑफर से बदली किस्मत
प्रिंस बताते हैं कि उनके 583 अंक की बदौलत कोटा के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट ने उन्हें फीस में 90 फीसदी की छूट दी। साथ ही रहने के लिए जगह भी दी। उन्होंने वहां और अच्छे से पढ़ाई की और साल 2023 में 675 अंक मिले। अपनी पढ़ाई के दम पर उन्हें अच्छा कॉलेज मिल गया। करीब 150 घर वाले गांव में प्रिंस इकलौते ऐसे स्टूडेंट हैं जो गांव के पहले डॉक्टर बनेंगे।
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