Success Story : बचपन गरीबी में बीता, बिजनेस का जुनून ऐसा कि खड़ी कर दी 2300 करोड़ की कंपनी
Success Story of Kunwer Sachdev : 70 के दशक में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म काला पत्थर का एक गाना काफी फेमस है। यह गाना है- एक रास्ता है जिंदगी, जो थम गए तो कुछ नहीं। इसका सीधा सा अर्थ है कि जिंदगी को जीवने के लिए सफर तय करना ही पड़ेगा। जो शख्स इस सफर में आई मुश्किलों को पार कर जाता है, वह सफर हो जाता है। ऐसा ही कुछ सफर तय किया कुंवर सचदेव ने। बचपन गरीबी में बीता, लेकिन आज वह इनवर्टर बनाने वाली कंपनी Su-Kam के फाउंडर हैं और उनकी कंपनी की वैल्यू करीब 2300 करोड़ रुपये है।
खर्च चलाने के लिए बसों में बेचा पेन
कुंवर का जन्म एक एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता रेलवे में क्लर्क थे। कुंवर की प्राइमरी तक की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में हुई, लेकिन बाद में परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। ऐसे में कुंवर को सरकारी स्कूल में पढ़ाई करनी पड़ी। कुंवर डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन मेडिकल एंट्रेंस में मार्क्स कम होने के कारण डॉक्टर बनने का सपना छोड़ना पड़ा। बाद में पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने बसों में और घर-घर जाकर पेन बेचे।
कुंवर को घर से ही मिला था इनवर्टर बनाने का आइडिया।
जॉब के दौरान आया बिजनेस का आइडिया
कुंवर जब कॉलेज में आ गए तब उन्होंने एक केबल कम्युनिकेशन कंपनी में मार्केटिंग की जॉब की ताकि खर्च चल सके। यहां काम के दौरान उन्हें समझ आया कि केबल के बिजनेस में ग्रोथ की काफी संभावना हैं और यह काफी मुनाफे वाला हो सकता है। इसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और सू-कैम कम्युनिकेशंस (Su-Kam Communication) नाम से एक कंपनी बनाई। इनकी कंपनी चल निकली। बाद में उन्होंने कई और उपकरण बनाए।
ऐसा मिला इनवर्टर बनाने का आइडिया
कुंवर का इनवर्टर के फील्ड में आने का कोई विचार नहीं था। इस फील्ड में आने का आइडिया उन्हें अपने घर से ही मिला। कुंवर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके घर में एक पुराना इनवर्टर लगा था। वह आए दिन खराब हो जाता था। कई बार मैकेनिक को बुलाया, लेकिन वह बहुत ज्यादा दिनों तक सही नहीं रहता था। एक दिन जब वह इनवर्टर खराब हो तो कुंवर ने उसे खुल खोला और चेक किया। इस दौरान उन्होंने अपनी आर एंड डी टीम को भी बुलावा और उससे भी इनवर्टर चेक करवाया। तब पता चला कि इनवर्टर में घटिया क्वॉलिटी का सामान लगा हुआ था। इसके बाद उन्होंने खुद इनवर्टर बनाने का आइडिया आया।
आज Su-kam कई तरह के प्रोडक्ट बनाती है।
बदल दिया कंपनी का नाम
जब कुंवर ने इनवर्टर बनाने का फैसला लिया तो उन्होंने अपनी कंपनी का बदल दिया। साल 1998 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर सू-कैम पॉवर सिस्टम (Su-Kam Power System) कर दिया। आज कुंवर की कंपनी कई तरह के इनवटर्र समेत सोलर प्रोडक्ट बनाती है। इसके प्रोडक्ट की डिमांड न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी है। आज इनकी कंपनी सोलर समेत कई तरह के इनवर्टर भी बनाती है। आज कुंवर की कंपनी की कुल वैल्यू करीब 2300 करोड़ रुपये है।
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