एक कमरे में शुरू की छोटी सी बेकरी! अब 3500 करोड़ में होगी 'डील', क्या है Theobroma का इतिहास?
Theobroma History: देश-दुनिया में बहुत से बिजनेस शुरू किए जाते हैं, जिसमें से कई सफल होते हैं। इसके बावजूद भी उनका सौदा किसी दूसरी कंपनी को कर दिया जाता है। ऐसा ही थिओब्रोमा के साथ होने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेकरी चेन थिओब्रोमा के 3500 करोड़ किसी दूसरी कंपनी को बेचा जाएगा। अगर इसका सौदा होता है तो ये अब तक सबसे बड़ी डील में से एक होगी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिसकैपिटल कंपनी थिओब्रोमा फूड्स और बेल्जियन वॉफल कंपनी को खरीदने के बहुत करीब है।
क्या है थिओब्रोमा का इतिहास?
थिओब्रोमा ब्रांड आज भारत की लगभग 225 दुकानों वाली एक बेकरी चेन बन गई है। इसकी शुरुआत 20 साल पहले कैनाज मेसमैन हरचंदराय और टीना मेसमैन वाइक्स नाम की दो बहनों ने की थी। 2020 में लिखी किताब द थिओब्रोमा स्टोरी: बेकिंग ए ड्रीम में दोनों बहनों की सफलता की कहानी को बताया गया। कैनाज ने किताब में लिखा वह ओबेरॉय उदयविलास में पेस्ट्री शेफ के तौर पर काम करती थीं, जहां पर उनकी कमर में चोट लग गई थी। इसके बाद ही उनको खुद का काम करने का आइडिया आया।
ये भी पढ़ें: Electric Vehicle खरीदना आसान, सरकारी e-Amrit App पर सस्ती दरों पर मिलेगा लोन
ओबेरॉय में काम करने से पहले उन्होंने ले कॉर्डन ब्लू में ट्रेनिंग ली थी। इसके अलावा दोनों बहनों ने अपने घर पर मां की मदद से बेकिंग का बिजनेस चलाती थीं। हालांकि बिजनेस शुरू करने के लिए 1.5 करोड़ की मदद उनके पिता ने की थी। उन्होंने अपना पहला आउटलेट 2004 में दशहरा के दिन मुंबई के कोलाबा इलाके में खोला था।
थिओब्रोमा का नाम कैसे आया?
अपने बिजनेस के लिए जब दोनों बहने कोई अच्छे नाम की तलाश रही थीं, तब उनके एक दोस्त ने थिओब्रोमा नाम सुझाया। थिओब्रोमा ग्रीक शब्द है, जिसमें 'थिओस' का मतलब देवता होता है और ब्रोमा भोजन से बना है। अगर हिंदी में अनुवाद करें तो इसका मतलब होगा 'देवताओं का भोजन'। उनका ये सफर एक करे से शुरू होकर देशभर में फैल गया। जिस समय में दोनों बहनों ने थिओब्रोमा को शुरू करने का सोचा उस समय भारत में बेकिंग का बिजनेस उतना सफल नहीं था। लेकिन वह अपनी गुणवत्ता की वजह से अलग पहचान बनाने में कामयाब हुईं।
ये भी पढ़ें: Meesho ने कर्मचारियों को दी 9 दिनों की छुट्टी, नो लैपटॉप..नो मेल, नो मैसेज पॉलिसी भी लागू