Union Budget 2023: अफगानिस्तान को मोदी सरकार देगी 2.5 करोड़ डॉलर मदद, तालिबान का आया हैरानी भरा जवाब
Union Budget 2023: तालिबान ने मोदी सरकार के आम बजट (Union Budget 2023) की सराहना की है। अफगानिस्तान को केंद्र सरकार की तरफ से आवंटित किए गए 200 करोड़ की मदद को लेकर तालिबान ने कहा कि ‘इससे दोनों देशों के बीच संबंध और विश्वास बेहतर होंगे। हम विकास के लिए मिली सहायता की सराहना करते हैं।’
तालिबान की यह टिप्पणी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट में अफगानिस्तान के लिए 2.5 करोड़ डॉलर के विकास सहायता पैकेज के प्रस्ताव के बाद आई है।
भारत अफगानिस्तान का करता रहा समर्थन
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार सुबह 11 बजे अपना बजट भाषण शुरू किया, जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था। भारत ने अफगानिस्तान को विकास सहायता में 200 करोड़ रुपये देने का वादा किया है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल करने के बाद भारत की तरफ से अफगानिस्तान के समर्थन का यह दूसरा वर्ष है।
भारत के बजट का स्वागत करते हुए तालिबान के लिए नेगोसिएशन टीम के पूर्व सदस्य सुहैल शाहीन ने कहा, ‘हम अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत के समर्थन की सराहना करते हैं। यह दोनों देशों के बीच संबंधों और विश्वास को बेहतर बनाने में मदद करेगा।’
2021 में तालिबान ने सत्ता पर किया था कब्जा
बता दें कि अगस्त 2021 में तालिबान ने काबुल में सत्ता पर कब्जा कर लिया, तो अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए। इसके बाद भारत ने मदद देना बंद कर दिया था। इस बारे में शाहीन ने कहा, ‘अफगानिस्तान में कई प्रोजेक्ट थे जिन्हें भारत फंड कर रहा था। अगर भारत इन परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करता है, तो यह दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देगा और अविश्वास को खत्म करेगा।’
बजट सत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुआ था शुरू
2023-2024 के लिए भारत का बजट बहुत मायने रखता है क्योंकि देश में अगला लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में होना है। संसद का बजट सत्र मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) के लिए वार्षिक बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद 10 अक्टूबर से शुरू हुई।
आर्थिक सर्वेक्षण, मंगलवार को संसद में पेश किया गया। जिसमें कहा गया है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6 से 6.8 प्रतिशत की सीमा में बढ़ने की उम्मीद है। यह इस वित्तीय वर्ष में अनुमानित 7 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की तुलना में है।
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