whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Union Budget 2025: आर्थिक सर्वेक्षण ने दिखाई देश की तस्वीर, क्या अब इन मुद्दों पर होगा FM का जोर?

Union Budget 2025: बजट से पहले देश के आर्थिक विकास की तस्वीर सामने आ गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश कर दिया है।
04:09 PM Jan 31, 2025 IST | News24 हिंदी
union budget 2025  आर्थिक सर्वेक्षण ने दिखाई देश की तस्वीर  क्या अब इन मुद्दों पर होगा fm का जोर

Economic Survey: क्या नरेंद्र मोदी सरकार रोजगार सृजन, शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी और केंद्रीय बजट 2025 रोजगार केंद्रित होगा? आर्थिक सर्वेक्षण 2025 से यह स्पष्ट है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक गतिविधियों में कम सरकारी हस्तक्षेप की नीति अपना सकती हैं और उपभोग, शिक्षा, नौकरियों और AI जैसे इनोवेशन को बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकती हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी.अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम ने सरकार को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए साहसिक कदम उठाने तथा एक ऐसी विकास रणनीति तैयार करने का सुझाव दिया है, जो टिकाऊ और दीर्घकालिक विकास पर केंद्रित हो।

Advertisement

आर्थिक सर्वेक्षण: सस्टेनेबल डेवलपमेंट

भारत द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.4% की वृद्धि दर दर्ज किए जाने के बाद, आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के दावे के बावजूद उच्च विकास दर की भविष्यवाणी को लेकर पर्याप्त गुंजाइश नहीं थी। इसलिए 6.3% से 6.8% की वृद्धि दर का अनुमान जताया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण ऐसे समय में आया है जब जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.2% से गिरकर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.4% के चार साल के निचले स्तर पर आ गई है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व वाली टीम ने सरकार को सलाह दी है कि वह अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक हस्तक्षेप न करे तथा उसे खुद सुधारात्मक उपाय करने दे।

यह भी पढ़ें - Union Budget 2025: वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, GDP की रफ्तार को लेकर सामने आया अनुमान

Advertisement

नौकरियों और शिक्षा पर ध्यान

आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार, निर्मला सीतारमण बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल विकास, स्टार्टअप और MSME के लिए आवंटन बढ़ा सकती हैं, ताकि अधिक से अधिक नौकरियां पैदा की जा सकें। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश को 2030-32 तक सालाना 78.5 लाख नए गैर-कृषि रोजगार पैदा करने होंगे। इसी तरह सरकार शिक्षा और कौशल विकास के लिए बजट आवंटन बढ़ा सकती है, ताकि 100% साक्षरता हासिल की जा सके और हमारे शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता विकसित की जा सके। सर्वेक्षण में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि सरकार को उच्च गुणवत्ता वाला, भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचा विकसित करना चाहिए। केंद्रीय बजट 2024-25 में शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए निर्मला सीतारमण द्वारा 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जाने के बाद, यह स्वाभाविक है कि वह इस राशि को बढ़ाएं, ताकि लक्ष्य को हासिल किया जा सके। चूंकि लक्ष्य 2032 तक प्राप्त किया जाना है, इसलिए यह संभव है कि अलग-अलग बजट में इसका प्रावधान किया जाए।

Advertisement

मनरेगा के लिए बढ़ेगा आवंटन?

इसी तरह, जैसा कि आर्थिक सर्वेक्षण ने अधिक जॉब क्रिएशन का सुझाव दिया है, वित्त मंत्री मनरेगा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि कर सकती हैं। निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से लगभग 14% कम था। ऐसे ही वित्त मंत्री अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिए आवंटन में वृद्धि कर सकती हैं और हरित ऊर्जा, हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा और ईवी के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए काफी रियायतें ला सकती हैं। वह सौर पैनलों के लिए रियायतों की घोषणा कर सकती हैं और चीन से ऐसे पैनलों के आयात पर नए प्रतिबंध भी लगा सकती हैं। आर्थिक सर्वेक्षण का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट है कि सरकार चयनित क्षेत्रों के लिए नई PLI योजनाओं की घोषणा कर सकती है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो