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Union Budget 2025: रुपये की सेहत सुधारने के लिए बजट में हो सकती है ये घोषणा

Rupee depreciation India: 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में रुपये की कमजोर सेहत को सुधारने के लिए कुछ कड़े फैसलों का ऐलान संभव है।
03:01 PM Jan 15, 2025 IST | News24 हिंदी
union budget 2025  रुपये की सेहत सुधारने के लिए बजट में हो सकती है ये घोषणा

Union Budget 2025: डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती सेहत को ध्यान में रखते हुए बजट में कुछ कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। EY के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले कुछ महीनों में रुपये के मूल्य में आई गिरावट को रोकने के लिए आयात पर टैक्स बढ़ा सकती हैं।

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ऐसी है रुपये की चाल

EY के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव का कहना है कि हायर इम्पोर्ट टैक्स से आयातकों की ओर से डॉलर की मांग पर अंकुश लगेगा और गिरते रुपये को संभालने में मदद मिलेगी। रुपया 13 जनवरी को 86.70 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया था और आज यानी 15 जनवरी के शुरुआती कारोबार में यह 86.38 पर आ गया है।

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सरकार के लिए चुनौती

डीके श्रीवास्तव ने कहा कि US डॉलर के मुकाबले रुपये में अचानक आई गिरावट सरकार और RBI के लिए एक चुनौती बनने जा रही है। सरकार मुख्य रूप से बजट के माध्यम से राजकोषीय नीति का प्रबंधन करती है और मौद्रिक नीति में आरबीआई की भूमिका मुद्रा में उतार-चढ़ाव को संभालने में महत्वपूर्ण हो जाती है। श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार जिन रणनीतियों पर विचार कर सकती है उनमें से एक विदेशी मुद्रा, विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर की मांग को कम करने के लिए आयात पर उच्च शुल्क लगाना है।

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दूसरी मुद्राएं भी दबाब में

EY के मुख्य नीति सलाहकार ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं और इसलिए तमाम वित्तीय संसाधन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का रुख कर रहे हैं। केवल रुपया ही नहीं, बल्कि अन्य यूरोपीय मुद्राएं भी इसी तरह के दबाव का सामना कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि बजट एक्सचेंज रेट की गति को प्रभावित करने के लिए कोई बहुत शक्तिशाली राजकोषीय साधन नहीं है, लेकिन आयात शुल्क और टैरिफ के माध्यम से कुछ अप्रत्यक्ष प्रभाव आ सकते हैं।

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इस तरह मिलेगा फायदा

श्रीवास्तव ने कहा कि बजट में आयात शुल्क में कुछ संशोधन हो सकते हैं। इससे सरकार को फायदा होगा क्योंकि इससे आयात शुल्क राजस्व बढ़ेगा और विदेशी मुद्रा की मांग घटेगी, जो अंततः आत्मनिर्भर भारत के विचार के अनुरूप होगा, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप स्थानीय उत्पादन और खपत बढ़ेगी। डीके श्रीवास्तव 15वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद के सदस्य भी हैं।

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