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US China Trade War: ऑटो सेक्टर पर होगा बड़ा असर, बढ़ सकते हैं कारों के दाम!

US-China trade impact on auto industry: डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। चीन के साथ अमेरिका की ट्रेड वॉर शुरू हो चुकी है। आने वाले दिनों में दुनिया की इन दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टेंशन और बढ़ने की आशंका है।
09:45 AM Feb 07, 2025 IST | News24 हिंदी
us china trade war  ऑटो सेक्टर पर होगा बड़ा असर  बढ़ सकते हैं कारों के दाम

US China Trade War: एक नई ट्रेड वॉर की शुरुआत हो चुकी है। फिलहाल, यह अमेरिका और चीन तक ही सीमित है, लेकिन इसके दूसरे देशों तक फैलने और पूरी दुनिया को प्रभावित करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। अमेरिका ने चीन से आने वाले उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाया है। बदले में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। इस तरह, दोनों देशों को एक-दूसरे के सामान की ज्यादा कीमत भी चुकानी होगी। माना जा रहा है कि इस ट्रेड वॉर से कारों की कीमतों में इजाफा हो सकता है।

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चीन से इतना है आयात

अमेरिका, चीन से बड़े पैमाने पर ऑटो पार्ट्स इम्पोर्ट करता है। ऐसे में 10% टैरिफ से इन पार्ट्स का आयात महंगा होगा और परिणामस्वरूप कारें महंगी हो जाएंगी। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में अमेरिका ने चीन से हर साल लगभग 15.4 अरब डॉलर से लेकर 17.5 अरब डॉलर का ट्रांसपोर्टेशन गुड्स आयात किया है। इसमें 9-10 अरब डॉलर के छोटे वाहन, ट्रैक्टर और अन्य स्पेशल पर्पस व्हीकल्स के ऑटो पार्ट्स एवं एक्सेसरीज शामिल हैं।

EV कारें होंगी महंगी

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस ट्रेड वॉर से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में भी उछाल संभव है, क्योंकि चीन बैटरी सहित EV कॉम्पोनेन्ट का बड़ा केंद्र है। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषक मार्क डेलाने का कहना है कि अमेरिका का चीन से वाहन इम्पोर्ट ज्यादा नहीं है, लेकिन बड़े पैमाने पर ऑटो पार्ट्स आयात किए जाते हैं। चीन EV बैटरी और स्टोरेज सप्लाई चेन का एक प्रमुख खिलाड़ी है। बता दें कि अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों में भी अपनी कारें भेजती हैं। अगर उनकी प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ेगी, तो संबंधित देशों में भी उन कारों की कीमत ज्यादा हो जाएगी।

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चीनी कॉम्पोनेन्ट प्रमुख

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि टैरिफ का EV मार्केट पर कितना असर पड़ेगा, लेकिन असर पड़ना लाजमी है। अमेरिका के नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, देश में बनने वाले कई इलेक्ट्रिक वाहनों में चीन से आए कॉम्पोनेन्ट इस्तेमाल होते हैं। उदाहरण के तौर पर Genesis G80 EV कार में चीनी कॉम्पोनेन्ट 25% हैं। इसी तरह, हुंडई कोना EV (50%), हुंडई आयोनिक 5N (30%; ), किआ EV9 (35%), नीरो इलेक्ट्रिक (25%), निसान एरिया EV (40%), टोयोटा bZ4x EV (20%), RAV4 PHEV (20%) और फॉक्सवैगन ID Buzz EV में चीनी EV कॉम्पोनेन्ट का प्रतिशत 25 है।

प्रभावित होगी बिक्री

अमेरिका की ऑटो एसोसिएशन टैरिफ को लेकर चिंतित है। उसका कहना है कि इस फैसले से लागत बढ़ेगी और ऐसे में वाहनों की कीमतों में इजाफा होगा। जाहिर है इससे उनकी बिक्री पर भी असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर भी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन इस आदेश को 30 दिनों के लिए रोक लिया गया है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इससे भी अमेरिका को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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