बस्तर वनमंडल में शीशल रोपण से दिया जा रहा रोजगार को बढ़ावा, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
Chhattisgarh Bastar Forest Division: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का फोकस इन दिनों प्रदेश क विकास पर है। सीएम विष्णुदेव साय का कहना है कि किसी प्रदेश का विकास युवाओं के सहयोग के बिना नहीं हो सकता है। इसलिए राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी राज्य सरकार का फोकस है। इसी के तहत बस्तर वनमण्डल की तरफ से शीशल उद्योग की शुरुआत की गई है, जिससे जिले में रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में शीशल उद्योग को बढ़ावा
छत्तीसगढ़ में काफी समय से शीशल उद्योग का कहीं भी नहीं चल रहा था। ऐसे में इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना ने बस्तर जिले में इसकी शुरुआत की। बस्तर जिले के प्रवास कार्यक्रम के दौरान डॉ. सीआर प्रसन्ना के निर्देश पर वन परिक्षेत्र बस्तर के कोलचूर बीट में भरनी के पास शीशल रोपण किया गया। डॉ. सीआर प्रसन्ना ने बताया कि ग्राम भरनी में रान बांस डोरी उद्योग समिति बनाई गई है।
शीशल प्रोसेसिंग का काम
बस्तर के वनमंडल अधिकारी उत्तम गुप्ता ने सबसे पहले ग्राम भरनी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने तत्काल शेड निर्माण कार्य और मशीन लगाने का निर्देश दिया। ग्राम भरनी में शेड निर्माण के बाद शीशल प्रोसेसिंग का काम किया जा रहा है। बस्तर वनमण्डल के वन परिक्षेत्र बकावण्ड के ढोढरेपाल में 50 हेक्टेयर रकबा में 11000 शीशल रोपण और वन परिक्षेत्र बस्तर के भरनी में 50 हेक्टेयर में 11000 शीशल रोपण किया गया। इसी के साथ बस्तर वनमण्डल में कुल 100 हेक्टेयर रकबा में 22000 शीशल रोपण का काम किया गया। इससे समिति को भरपूर मात्रा में रॉ-मटेरियल मिलेगा। इसके साथ उनकी कमाई में बढ़ेगी।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के इस 91 साल बुजुर्ग की दरियादिली के कायल हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, किया सम्मानित
ग्रामीणों को होगा लाभ
बस्तर के वनमंडल अधिकारी ने बताया कि शीशल से जुड़े काम से ग्रामीणों को लाभ ही हो रहा है, इससे नुकसान की कोई गुंजाइश नहीं है। इसे बड़े लेवल पर प्रचार-प्रसार कर उद्योग के तौर पर विकसित करने की बहुत जरुरत है। वर्तमान में बस्तर वनमंडल के बस्तर वन परिक्षेत्र के भरनी और बकावंड वन परिक्षेत्र के ढोढरेपाल में 100 हेक्टेयर में कुल 22000 पौधे शीशल रोपण किया गया है, जिससे उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है।