'अपराधियों के मन में हो कानून का डर', कानून व्यवस्था की समीक्षा कर बोले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
Collector-SP Conference In Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस जारी है। कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम साय ने कानून व्यवस्था की समीक्षा ली। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि अपराधियों के मन में कानून का भय हो, पीड़ितों को त्वरित न्याय मिले। आम जनता में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास कायम रहे। बेवजह किसी नागरिक को परेशान न किया जाए। पुलिस का व्यवहार आम नागरिकों के साथ मित्रवत हो। पुलिस थानों का वातावरण ऐसा हो कि आम नागरिक को पुलिस थानों में प्रवेश करते समय सहयोग की उम्मीद हो। वे आज राजधानी के न्यू-सर्किट हाउस में कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में अपराध पर लगाम लगाने के लिए कलेक्टर और एसपी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दंड संहिता को बदल कर न्याय संहिता कर दिया है। इसका जमीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए पुलिस को इन नए कानूनों के अनुरूप कार्य करने के लिए स्वयं को ढालना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, और पिछले सालों की तुलना में अपराध की संख्या में कमी आई है।
सोशल पुलिसिंग को बढ़ावा दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नए सिरे से सोशल पुलिसिंग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है, इससे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। लोगों को जागरूक करना और उन्हें इस बात का भरोसा दिलाना होगा कि पुलिस उनके साथ है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य में गौ-तस्करी व नशाखोरी एक बहुत बड़ी समस्या है, इस पर कड़ाई से नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए ऐसे मामलों में एंड टू एंड कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध शराब के परिवहन एवं बिक्री, जुआ, सट्टा एवं गांजा की तस्करी को रोकने के लिए अभियान चलाकर दोषियों पर कार्यवाही करें। समाज में अशांति फैलाने वालों, अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखें और उनके खिलाफ जल्द कार्यवाही करें। हत्या जैसे मामले में कार्रवाई में देरी नहीं होनी चाहिए तथा ऐसे केस में जल्दी गति से कार्यवाही सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला बदर और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई रुकनी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधात्मक मामलों में देरी न हो और जिला बदर की कार्रवाई केवल कागजों पर ना हो बल्कि वास्तव में हो।
पुलिस की एक्टिवनेस और बेहतर करने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर पुलिस रेंज में अपराधों में कमी आई है, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं होते हुए पुलिस की सक्रियता का स्तर और बेहतर करने की जरूरत है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि दुर्ग पुलिस रेंज को और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हत्या और डकैती के मामले 6 महीने में भी नहीं सुलझ पा रहे हैं, ये उचित नहीं है। कई मामलों में आरोपी फरार है, इस पर जल्दी कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजनांदगांव पुलिस रेंज में कुछ जगह अच्छे काम हुए हैं, त्रिनेत्र एप और चिटफंड मामलों में अच्छी कार्रवाई हुई है लेकिन सिर्फ इतना पर्याप्त नहीं है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आम लोगों को यातायात नियमों का पालन करने और सीट-बेल्ट, हेलमेट पहनने की समझाइश दी जाए। उन्होंने बैठक में आने वाले दिनों में पुलिसिंग को और अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने की दिशा में किए जा सकने वाले उपायों पर चर्चा की।
भूमाफियों पर रखें कड़ी नजर
मुख्यमंत्री साय ने रायपुर रेंज की समीक्षा करते हुए राजधानी में पुलिसिंग की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि रायपुर प्रदेश की राजधानी है और यहां की पुलिसिंग का अच्छे लेवल पर होना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने रायपुर में भूमाफियाओं द्वारा शासकीय और आम नागरिकों की जमीन पर कब्जे की शिकायतों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस और राजस्व विभाग मिलकर इस समस्या पर कड़ी नजर रखें और तुरंत कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने राजधानी में रात की गश्त को और प्रभावी बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए पुलिस पेट्रोलिंग को लगातार जारी रखने और संगठित अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कहा कि वे योजना बनाकर अपराध और अपराधियों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाएं ताकि अपराध पर काबू पाया जा सके और कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सके।