बस्तर डिवीजन के इन 7 जिलों को मिलेगा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ, 187 करोड़ से अधिक की कार्ययोजना तैयार
Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana: प्रदेश के विकास के लिए लगातार साय सरकार काम कर रही है। इसी के तहत सीएम साय के नेतृत्व में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप से उनके कार्यालय में केंद्र सरकार के जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने भूजल सिंचाई योजना के संबंध में मुलाकात और चर्चा की। केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय अंतर्गत केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, भू-जल भवन फरीदाबाद के पत्र के निर्देशों के परिपालन में बस्तर संभाग के 07 आकांक्षी जिलों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत को पानी अंतर्गत भू जल सिंचाई योजना के तहत 19 विकासखंडों में कुल 3215 बोरवेल उत्खनन किया जाएगा। जिससे 6578.78 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 187.69 करोड रुपए की कार्य योजना तैयार की गई है।
इस कार्ययोजना से अनुसूचित जनजाति के 12656 कृषक, अनुसूचित जाति के 560 कृषक और सामान्य वर्ग के 363 कृषकों सहित कुल 13 हजार 852 कृषकों को भू-जल सिंचाई योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा। इसमें 10 हजार 498 लघु कृषक और 3 हजार 354 सीमान्त कृषक शामिल हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ हर खेत को पानी उपलब्ध कराने प्रतिबद्ध है। पानी कृषि का प्रमुख घटक है और इस प्रकार किसानों के लिए एक बुनियादी जरूरत है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र को सिंचाई प्रदान करना है, जो कि बस्तर डिवीजन के कई क्षेत्र अभी भी सिंचाई सुविधा से वंचित हैं, जिन्हें भू-जल के जरिए सिंचाई करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत को पानी के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाना है। इस योजना के तहत लाभार्थी केवल छोटे और सीमान्त किसान हैं। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हम किसानों की आय बढ़ोत्तरी के लक्ष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, जिससे किसान लाभांवित हो रहे हैं।
वर्तमान में बस्तर डिवीजन के 07 आकांक्षी जिलों का कुल बोया गया क्षेत्र 8 लाख 81 हजार 949 हेक्टेयर है, जिसके विरूद्ध कुल निर्मित सिंचाई क्षमता 1 लाख 27 हजार 052 हेक्टयर है, जो कि 12.56 प्रतिशत सिंचाई सतही जल के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। वन अच्छादित बस्तर में कई ऐसे क्षेत्र में भू-जल के माध्यम से ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार कटिबद्ध है, जिसके तहत भू-जल के माध्यम से 15 हजार हेक्टयर में अतिरिक्त सिंचाई उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस अवसर पर केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के चेयरमेन सुनील कुमार अंबष्ट, जल संसाधन सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, ईएनसी इंद्रजीत उइके और संचालक नायक सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
ये भी पढ़ें- ‘क्षत्रिय समाज का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है’, समारोह में बोले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय