छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में प्री-ऑडिट अनिवार्य, डिप्टी सीएम अरुण साव का सख्त निर्देश
Chhattisgarh Urban Bodies Pre-audit Mandatory: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था और प्रशासन व्यवस्था को सही ढंग से चलाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इसी के तहत डिप्टी सीएम अरण साव ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में वित्तीय अनुशासन के तहत सख्ती लाने के लिए सभी आय और खर्चों के प्री-ऑडिट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम अरुव साव ने प्रदेश की सभी 184 नगरीय निकायों सहित नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के सभी यांत्रिकी, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) को भी ऑडिट करने का निर्देश दिया है।
पिछली सरकार ने किया था बंद
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश की पिछली सरकार ने इन ऑडिट प्रक्रिया को बंद कर दिया था, जिसकी वजह से पिछले के 4 सालों की सभी पोस्ट ऑडिट बची हुई है। इसके बाद डिप्टी सीएम साव ने कहा कि नगरीय निकायों में कड़े वित्तीय अनुशासन लाने के लिए प्री-ऑडिट-कम-इंटरनल-ऑडिट के प्रोसेस को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया गया है। निर्देश के अनुसार, राज्य के सभी 184 नगरीय निकायों, दो राज्य कार्यालयों, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के यांत्रिकी और SUDA द्वारा कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
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सुनिश्चित हो नियमों के पालन
डिप्टी सीएम ने बताया कि सभी भुगतान नस्तियों का टेस्ट प्री-ऑडिट के जरिए CA फर्म द्वारा किया जाएगा। इससे भुगतान संबंधी सभी नियमों के पालन को सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑडिट शुरू होने के बाद से ही पिछली सरकार की तरफ से ऑडिट के काम को बंद कर दिया गया था। बता दें कि नगरीय निकायों में वित्तीय अनुशासन की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए कार्य वर्ष 2015-16 से प्रारंभ किया गया था। छत्तीसगढ़ में प्रथम बार प्री-अंकेक्षण-सह-आंतरिक अंकेक्षण का कार्य वर्ष 2015-16 से प्री-ऑडिट-कम-इंटरनल-ऑडिट के प्रोसेस को प्रारंभ किया गया था।