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'भगवान श्रीराम के दिल में बसती है जन जातीय संस्कृति', सेमिनार में बोले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

Tribal Pride Day: राजधानी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित ' जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास' विषय पर एक दिवसीय सेमिनार में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए।
02:01 PM Nov 29, 2024 IST | Deepti Sharma
 भगवान श्रीराम के दिल में बसती है जन जातीय संस्कृति   सेमिनार में बोले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
Tribal Pride Day

Tribal Pride Day: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में जन जातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित किया। जन जातीय समाज का इतिहास धरती पर मनुष्य के पहले पदचाप के साथ जुड़ा हुआ है। जन जातीय संस्कृति ने भगवान श्रीराम को अपने हृदय में बसा रखा है।

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भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में ही वनवास बिताया, यहीं पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाए। जन जातीय अस्मिता का प्रश्न भारत की सनातन परंपरा की अस्मिता से जुड़ा हुआ प्रश्न है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हमें जनजातीय समुदायों की अस्मिता और विरासत के प्रति संवेदनशील यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व मिला है। आज जनजातीय समुदाय की हमारी बहन द्रौपदी मुर्मु भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनजाति समाज सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज है। यह समाज कुप्रथाओं का मुखर विरोध करता है। भारत की संस्कृति और देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जन जातीय जन नायकों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे देश में 13 से 15 नवम्बर तक जन जातीय गौरव दिवस मनाया गया।

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योजनाओं से जुड़ी जरूरी जानकारियां शेयर की 

मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज की परंपराओं, संस्कृति रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार और शासन द्वारा जन जातीय उत्थान के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 13 नवंबर को जशपुर जिले में आयोजित पदयात्रा इतनी सफल रही कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी खुलकर तारीफ की और ऐसे आयोजनों को जन जातीय समाज के विकास और उत्थान में महत्वपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा कि जन जातीय गौरव दिवस के अवसर पर हुए राष्ट्रीय आयोजन ने अन्य प्रांतों से आए आदिवासी समुदाय को एक दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने का सुंदर अवसर दिया। साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे पहले पृथक जन जातीय कल्याण मंत्रालय बनाया और आदिवासियों के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी।

उन्होंने कहा कि हम मैदानी और जन जातीय क्षेत्रों में अवसरों की समानता स्थापित करने के लिए अपनी योजनाएं और नीतियां बना रहे हैं ताकि छत्तीसगढ़ के हर एक समुदाय के पास विकास के समान अवसर हों और जन जातीय समाज अपनी प्राकृतिक और भौगोलिक जटिलताओं पर जीत हासिल करते हुए समग्र भारत के विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।

जब हम जन जातीय समुदायों की अस्मिता की रक्षा करेंगे, उनकी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करेंगे, उनके इतिहास और उनके नायकों का गौरव गान करेंगे तो निश्चित रूप से मां भारती का यश बढ़ेगा, उसका गौरव गान होगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारत के जन जातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए मोदी जी पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएं चला रहे हैं। ये योजनाएं जन जातीय समुदायों के जीवन में बदलाव लाने के लिए क्रांतिकारी योजनाएं साबित हो रही है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी अनेक योजनाओं से जन जातीय समुदायों को बड़ा संबल मिला है। पिछले 11 महीने में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल में शांति स्थापित करने के लिए तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं।

नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं को दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने की अनूठी पहल की गई है। बस्तर अंचल में सुरक्षाबलों के 34 नए कैंप खोले गए हैं और लगभग 96 गांवों में शासकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।

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