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क्या आपने खाई है ये 2000 रुपये प्रति किलो वाली सब्जी! कहलाती है 'काला सोना'

Sarai Boda Vegetable Latest Rate: क्या आप छत्तीसगढ़ की सरई बोड़ा सब्जी के बारे में जानते हैं? इसके दाम सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। गरियाबंद के बाजार के मुताबिक यह सब्जी प्रतिकिलो के हिसाब से काफी महंगी है। सरई बोड़ा को खरीदने के लिए जेब को काफी ढीला करना पड़ता है।
03:28 PM Jun 28, 2024 IST | Parmod chaudhary
सरई बोड़ा सब्जी।
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Chhattisgarh News: (पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद) छत्तीगढ़ के गरियाबंद के बाजार में अब बारिश के सीजन की सबसे महंगी सब्जी सरई बोड़ा बिकने आ गई है। इसकी कीमत सुनकर आप भी चौक जाएंगे। गरियाबंद के बाजार में इसकी कीमत इस बार 300 रुपये पाव यानी 1200 रुपये प्रतिकिलो है। हालांकि साथ लगते गांवों में सब्जी 500 रुपये प्रतिकिलो तक आसानी से मिल जाती है। अगर आप राजधानी में इसका स्वाद चखना चाहेंगे तो आपको 2000 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से दाम चुकाने पड़ेंगे।अब जानिए इसकी फसल कैसे लगती है? सब्जी विक्रेता भूरी बाई के अनुसार ये सब्जी पूरी तरह से प्राकृतिक होती है। वन ग्राम क्षेत्र में पाए जाने वाले साल के पेड़ के नीचे यह छोटी-छोटी गोलियों के आकार में मिट्टी के नीचे दबी मिलती है।

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बारिश के दिनों में बड़े हो जाते हैं फंगस

साल पेड़ के अवशेष से बनने वाले फंगस बारिश के दिनों में आकार ले लेते हैं। गरियाबंद के बाजार में सब्जी खरीदने आए विक्की ध्रुव के अनुसार स्थानीय भाषा में इसे बोड़ा कहा जाता है। इस सब्जी की खोज पूरी तरह से जंगलों में रहने वाले आदिवासियों ने की थी। इस फंगस का वैज्ञानिक नाम शोरिया रोबुस्टा है। छत्तीसगढ़ के काला सोना के नाम से प्रसिद्ध इस कीमती सब्जी में प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट और खनिज तत्वों की मात्रा भरपूर होती है। सावन के माह में इसे मांसाहार के विकल्प के रूप में बड़े चाव से खाया जाता है।

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लोग कई बार इस सब्जी के बारे में सवाल करते हैं कि यह इतनी महंगी क्यों है? बता दें कि बोड़ा पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पाद माना जाता है। इसे पैदा नहीं किया जा सकता है। न ही इसकी खेती हो सकती है। यह पूरी तरह से नेचर पर डिपेंड करता है। माना जाए तो सिर्फ आदिवासियों को ही फ्री मिलता है। यह सिर्फ जंगल में ही पैदा हो सकता है। गांवों के करीबी शहरों में इसकी कीमत 600 रुपये प्रतिकिलो तक हो सकती है।

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