रायपुर में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी IRC के Annual Convention का करेंगे शुभारंभ, Deputy CM ने बताया इन मुद्दों पर होगी चर्चा
Deputy CM Arun Sao Inauguration: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 8 नवम्बर से रायपुर में आयोजित भारतीय सड़क कांग्रेस के 83वें एनुअल सेशन का शुभारंभ करेंगे। रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में 8 नवम्बर से 11 नवम्बर तक इसका आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव भी 8 नवम्बर को शाम साढ़े चार बजे आयोजित सेशन के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। चार दिनों तक चलने वाले भारतीय सड़क कांग्रेस के सेशन में सड़क निर्माण और सड़क सुरक्षा से जुड़े देशभर के दो हजार से ज्यादा एक्सपर्ट, वैज्ञानिक, अभियंता और अधिकारी शामिल होंगे। अधिवेशन के शुभारंभ कार्यक्रम में सड़क निर्माण तकनीक और सामग्री से संबंधित तीन गाइडलाइन्स और एक मैनुअल भी जारी किए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने साइंस कॉलेज परिसर में भारतीय सड़क कांग्रेस के 83वें एनुअल सेशन के तहत आयोजित तकनीकी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का भ्रमण कर सड़क निर्माण, सड़क सुरक्षा, निर्माण सामग्री और सड़कों के रखरखाव से जुड़ी मशीनरी व उपकरणों की निर्माता तथा आपूर्तिकर्ता कंपनियों के प्रतिनिधियों से इनकी जानकारी ली।
अलग-अलग कंपनियों द्वारा यहां लगाए गए स्टॉल्स मंर सड़क निर्माण से संबंधित तकनीकी मटेरियल्स, डिजाइन, टेक्नोलॉजी आदि का प्रदर्शन आने वाले चार दिनों तक किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री साव ने आयोजन स्थल पर प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) सड़क और सेतु निर्माण से संबंधित मानक और गाइडलाइन्स निर्धारित करने वाली देश की पहली संस्था है।
आईआरसी में भारत सरकार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एनएचएआईडीसीएल, बीआरओ, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस, एनआर आईडीए, ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, सभी राज्यों के लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण सड़क निर्माण विभाग, पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर, रिसर्च आर्गेनाइजेशन्स के इंजीनियर्स की सोसायटी आदि शामिल हैं।
साव ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में बताया कि आईआरसी का मुख्य उद्देश्य सड़क निर्माण, सेतु निर्माण और यातायात से संबंधित मानकों का निर्धारण करना तथा निर्माण संबंधी गाइडलाइन्स और मैन्युअल तैयार करना, समय-समय पर उनका पुनरीक्षण करना, देश-विदेश में आ रही सड़क निर्माण की नई तकनीकों और सामग्रियों का अध्ययन कर देश में लागू करने के लिए मानक तैयार करना है।
आईआरसी द्वारा जारी किए गए मानकों और गाइडलाइन्स के अनुसार ही भारत सरकार और अन्य सड़क निर्माण विभाग सड़क निर्माण करते हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद पहली बार यहां आईआरसी का वार्षिक अधिवेशन हो रहा है जो कि प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता केके पीपरी और भारतीय सड़क कांग्रेस के महासचिव एसके निर्मल ने भी प्रेस-कॉन्फ्रेंस में सेशन के बारे में जानकारी दी। लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह भी इस दौरान मौजूद थे।
आईआरसी के चार दिवसीय सेशन के दौरान विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, अभियंताओं और अधिकारियों के बीच अलग-अलग बैठकों, परिचर्चाओं, तकनीकी सत्रों और दस्तावेजों पर चर्चा होगी। इस दौरान आयोजित हाइवे रिसर्च बोर्ड की बैठक में भारत सरकार, राज्य सरकार, रिसर्च इंस्टीट्यूट और शैक्षणिक संस्थानों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और प्राइवेट सेक्टर के प्रतिनिधि सड़क निर्माण से संबंधित अनुसंधान और विकास के संबंध में रोड मैप तैयार करेंगे।
अधिवेशन के चारों दिन अलग-अलग तकनीकी सत्रों में अलग-अलग संस्थानों, शासकीय विभागों और निजी क्षेत्र से आए इंजीनियर्स अपना प्रस्तुतीकरण देंगे। सेशन के दौरान आईआरसी की बिजनेस मीटिंग और काउंसिल मीटिंग भी आयोजित है।
8, 9 और 10 नवम्बर को शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। सेशन में शामिल होने आए देशभर के प्रतिनधियों को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक वैभव,पुरातत्व,पर्यटन,पौराणिक और धार्मिक महत्व से जुड़े स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
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