'पहले अपना स्टैंड क्लियर करिए...', विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के लिए कांग्रेस के न्योते पर बोले सांसद राघव चड्ढा
Opposition Meet: आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने अगले हफ्ते बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के लिए निमंत्रण भेजा है। लेकिन, AAP तभी फैसला करेगी जब कांग्रेस केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करेगी।
आप नेता ने कहा कि कांग्रेस ने मानसून सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले अध्यादेश के मुद्दे पर अपने विचार स्पष्ट करने का वादा किया था।
राघव चड्ढा ने कहा कि पटना में विपक्ष की बैठक के दौरान सभी समान विचारधारा वाले दलों के सामने कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि वे संसद मानसून सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले दिल्ली अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट कर देंगे… हमें उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे जल्द ही और आगे की सारी बातचीत उनकी औपचारिक घोषणा के बाद ही होगी।
15 पार्टियों ने किया था समर्थन
पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक में कुल 15 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। जिनमें से 12 का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है। कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी 11 पार्टियां, जिनका राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है, ने स्पष्ट रूप से केंद्रीय अध्यादेश का विरोध किया था। आम आदमी पार्टी ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद एक बयान में कहा था कि काले अध्यादेश के खिलाफ घोषणा की गई कि वे राज्यसभा में इसका विरोध करेंगे।
महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के कारण बैठक में हुई देरी
पिछले हफ्ते, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने जानकारी दी थी कि सभी नेताओं के साथ परामर्श के बाद महत्वपूर्ण बैठक की नई तारीख की घोषणा की जाएगी। हालांकि, कांग्रेस नेता ने कहा कि बैठक संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले होगी। गौरतलब है कि 20 जुलाई से शुरू होने वाला मानसून सत्र नव-उद्घाटित संसद भवन में आयोजित किया जाएगा।
यह घटनाक्रम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार और 8 सहयोगियों के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद आया। जहां पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस कार्रवाई से एनसीपी के शीर्ष नेतृत्व और अजित पवार के बीच तनाव शुरू हो गया। घटनाक्रम के तुरंत बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे।
23 जून को पटना में हुई थी मीटिंग
प्रमुख विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में हुई थी। कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, जेडी (यू) और समाजवादी पार्टी सहित सोलह दलों ने बिहार की राजधानी में एक साथ बैठकर 2024 आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ लड़ने का रोडमैप तय किया।
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