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दिल्ली में एंटी स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम से कैसे कम होगा प्रदूषण? LG ने बताया

Anti Smog Mist System : दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक नई पहल की शुरुआत की। उनकी निगरानी में द्वारका में एंटी स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम लगाया गया। आइए जानते हैं कि एंट्री स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम कैसे प्रदूषण कम करेगा?
07:40 PM Nov 18, 2024 IST | Deepak Pandey
Delhi LG VK Saxena (ANI)
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Anti Smog Mist System : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर ग्रेप स्टेज-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। इस बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को द्वारका में अभूतपूर्व एंटी-स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम का शुभारंभ किया। पहली स्टेटिक एंटी-स्मॉग पहल का उद्देश्य खतरनाक वायु प्रदूषण से निपटना है। एलजी ने खुद ही एंटी स्मॉग मिस्ट स्प्रे के ट्रायल रन की निगरानी की।

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राजधानी में खतरनाक वायु प्रदूषण और एक्यूआई का स्तर 1000 के आसपास होने के कारण दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एंटी स्मॉग मिस्ट स्प्रे के ट्रायल रन का निरीक्षण किया। इसके बाद एलजी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है और लोग परेशान हैं। डीडीए ने एक बहुत ही सफल प्रयोग किया। यहां करीब 550 मीटर में बिजली के खंभों पर एंटी स्मॉग मिस्ट सिस्टम लगाया गया है। अभी तक 3-4 दिनों की टेस्टिंग में बताया गया है कि यहां करीब 20 प्रतिशत प्रदूषण कम हुआ है। अभी 550 मीटर का पैच है।

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4 और जगहों पर लगेगा यह सिस्टम

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उन्होंने आगे कहा कि अब डीडीए द्वारा इसका विस्तार 4 और जगहों पर किया जाने वाला है। उन्हें पूरा भरोसा है कि अगर धीरे-धीरे पूरी दिल्ली में ऐसे सिस्टम लगाने की कोशिश की जाए तो दिल्ली के प्रदूषण में काफी फर्क आ सकता है। उपराज्यपाल ने कहा कि पहले इसे द्वारका क्षेत्र में एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया। सफल होने पर इसे पूरे शहर में अपनाया जाएगा।

बिजली के 14 खंभे पर लगे मिस्टिंग नोजल

एंटी स्मॉग मिस्ट स्प्रे के ट्रायल रन के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण के 550 मीटर क्षेत्र की पहचान की गई है। इसके तहत बिजली के 14 खंभों पर मिस्टिंग नोजल लगाए गए हैं। हर खंभे पर 30 मिस्टिंग नोजल हैं। एनईईआरआई आसपास की वायु गुणवत्ता पर एंटी-स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम के प्रभाव का आकलन करने के लिए अध्ययन करेगा।

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चार बड़े-बड़े पानी के टैंक भी मौजूद

मिस्टिंग ऑपरेशन के लिए 5,000 लीटर क्षमता वाले पानी के चार बड़े टैंकों को लगाया गया है। यह टैंक उत्पन्न होने वाले मिस्ट के प्रभाव और शुद्धता को सुनिश्चित रखने के लिए आरओ ट्रीटेड पानी की सप्लाई करते हैं। टैंक में बचे हुए पानी का उपयोग सड़क के किनारे लगे पौधों को पानी देने में किया जाएगा।

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Air PollutionLG VK Saxena
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