कौन हैं सुनीता जो संभालती हैं केजरीवाल का घर, क्या संभालेंगी दिल्ली की गद्दी? जानें क्या है समीकरण
Arvind Kejriwal Arrest Update : देश में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी और सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर भी मंथन जारी है। दूसरी तरफ क्या दिल्ली सरकार जेल से चलेगी या फिर कोई नया चेहरा कमान संभालेगा? मुख्यमंत्री पद के लिए अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है। आइए समझते हैं कि क्या बन रहा है समीकरण?
कौन हैं सुनीता केजरीवाल
भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रहीं सुनीता केजरीवाल भले की राजनीति में सक्रिय नहीं रहती हैं, लेकिन वे कई मौके पर अरविंद केजरीवाल के साथ नजर आती रही हैं। वे अनौपचारिक तौर पर सरकार के कामकाज को भी देखती और समझती हैं। फिलहाल, वे हाउसवाइफ की तरह घर संभाल रही हैं। 1993 बैच की आईआरएस अधिकारी सुनीता केजरीवाल ने साल 2016 में वीआरएस ले लिया था। वे 22 सालों तक सरकारी पदों पर रहीं, इसलिए उन्हें पेंशन भी मिलती है।
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1995 में अरविंद-सुनीता केजरीवाल की हुई थी शादी
सुनीता केजरीवाल ने जूलॉजी में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। भोपाल में एक ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल और सुनीता केजरीवाल की मुकालात हुई थी। इसके बाद दोनों ने साल 1995 में शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित हैं। बताया जाता है कि मैसूर में दोनों ने एक साथ पढ़ाई की थी।
सीएम पद की रेस में सुनीता केजरीवाल और आतिशी का नाम
कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा देंगे तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल दिल्ली की कमान संभाल सकती हैं। सीएम पद की रेस में आतिशी का नाम भी चल रहा है। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं, थे और रहेंगे। आम आदमी पार्टी के प्रमुख फेस अरविंद केजरीवाल हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की लिस्ट हो या फिर चुनाव प्रचार, इसे लेकर पार्टी में संकट नजर आ रहा है।
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जानें क्या है समीकरण
अगर पत्नी सुनीता केजरीवाल मुख्यमंत्री बनती हैं तो उनका 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है। ऐसे में दिल्ली की किसी एक सीट को खाली करना पड़ेगा, जहां से सुनीता केजरीवाल चुनाव लड़कर विधानसभा सदस्य बने। 2025 के फरवरी से पहले दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में हो सकता है कि वो चुनावी तक सीएम पद पर रह सकती हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अगर सुनीता केजरीवाल सीएम नहीं बनी तो उन्हें पार्टी की कमान मिल सकती है। हालांकि, ये तो बाद में ही पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार का भविष्य क्या होगा।