50 दिन बाद केजरीवाल को जमानत, 'जेल से बेल तक'; जानें एक-एक दिन की कहानी
Arvind Kejriwal bail: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत देने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद तिहाड़ जेल में 50 दिन से बंद केजरीवाल को राहत मिली है। केजरीवाल की बेल का विरोध करते हुए ईडी की ओर से हलफनामा भी दायर किया गया था। जिसमें केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। जिसके खिलाफ केजरीवाल के वकीलों ने आपत्ति जताई थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अंतरिम जमानत दे दी है।
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने अरेस्ट किया था। जिसके बाद राजनीति गर्मा गई थी। इसके बाद मंगलवार को भी केजरीवाल को राहत नहीं मिली थी। सुनवाई 9 मई के लिए टाली गई। इसके बाद न्यायालय में ईडी ने हलफनामा दिया। जिस पर शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था।
केजरीवाल से 6 दिन पहले ईडी ने तेलंगाना से पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के कविता को अरेस्ट किया था। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद ये तीसरी हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी थी। केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान ही उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार केजरीवाल को मारना चाहती है। उन्हें जेल में सही दवा नहीं दी जा रही। रांची में एक रैली में ये आरोप उन्होंने 22 अप्रैल को लगाया था।
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वहीं, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने 21 अप्रैल को एक चिट्ठी शेयर की थी। जिसमें तिहाड़ के डीजी संजय बेनीवाल का हवाला दिया था। दावा था कि संजय ने एम्स को ये चिट्ठी 20 अप्रैल को लिखी थी। जिसमें केजरीवाल के लिए सीनियर डाइबिटोलॉजिस्ट अपॉइंट करने की मांग की गई थी। अरविंद केजरीवाल ने 18 अप्रैल को कोर्ट से अपने डॉक्टर से सलाह लेने और इंसुलिन की मांग वाली याचिका दाखिल की थी।
तिहाड़ जेल की ओर से कहा गया था कि केजरीवाल का चेकअप 10 और 15 अप्रैल को डॉक्टरों ने किया है। केजरीवाल पर ईडी ने 18 अप्रैल को बड़ा आरोप लगाया था। राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा था कि वे जानबूझकर मीठा खा रहे हैं। ताकि शुगर लेवल बढ़ जाए और मेडिकल आधार पर जमानत मिल जाए। केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद 28 मार्च तक संघीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया था। 50 दिन वे तिहाड़ जेल की जेल नंबर 2 में रहे। बैरक में उनके अलावा किसी अन्य को नहीं रखा गया।