दिल्ली में वोटर्स लिस्ट पर कौन सच्चा-कौन झूठा? AAP-BJP के दावों पर News24 का रियल्टी चेक
Delhi Voter List: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आप और बीजेपी वोटर्स लिस्ट के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता में बीजेपी पर आरोप लगाया वोटर्स लिस्ट ने 11 हजार मतदाताओं के नाम काट दिए हैं। केजरीवाल ने कहा भाजपा दिल्ली में बड़े स्तर पर वोट कटवाने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन दे रही है। उन्होंने कहा कि शाहदरा सीट पर एक महीने में 11 हजार 18 वोट काटने का आवेदन बीजेपी ने चुनाव आयोग में किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग चोरी छिपे ऐसे वोटर्स का नाम हटा रहा है, जोकि जीवित हैं और अपने पते पर ही रह रहे हैं। पूर्व सीएम ने चुनाव आयोग से मांग की कि अब चुनाव होने तक किसी वोटर का नाम ना काटा जाए।
इसके बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा आप के द्वारा बड़ी संख्या में अवैध रूप से फर्जी वोटरों के नाम वोटिंग लिस्ट में डलवाए गए। भाजपा ने कहा रोहिंग्या और अवैध तौर पर दिल्ली में रह रहे लोगों के नाम वोटिंग लिस्ट में है तो लेकिन उनका एड्रेस फर्जी है। भाजपा ने इसका एक वीडियो बनाकर जारी किया और केजरीवाल सरकार से सवाल पूछे। ऐसे में न्यूज24 ने बीजेपी के वीडियो के आधार पर रियल्टी चेक किया। आइये जानते हैं बीजेपी और आप के दावे में क्या सच है?
रियल्टी चेक-1
न्यू मोती नगर, न छत, न घर, न इंसान, दीवार पर लगा बिजली का मीटर और रजिस्टर्ड कुल 26 वोटर्स
रियल्टी चेक करने के लिए न्यूज24 की टीम दिल्ली के न्यू मोती नगर (करमपुरा) वार्ड नंबर 89 पर पहुंची, जहां कार रिपेयरिंग की दुकानें नजर आई। यहां पर एक एमसीडी की खंडहरनुमा पुरानी दीवार नजर आई। जिसका वीडियो भाजपा के मोती नगर के नेता गौरव पराशर द्वारा दावा करते हुए दिखाया गया कि टी 82 क्रमांक के मीटर पर कुल वोटरों की संख्या 26 है। जबकि यहां कोई रहता ही नहीं। जबकि इस पते पर गाड़ी रिपेयरिंग का काम होता है।
रजिस्टर्ड लोग कहां रहते हैं?
1976 से दुकान चला रहे एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि यहां लगे हुए मीटर भी अवैध है और वोटर्स के नाम भी अवैध है। उन्होंने बताया कि दस पंद्रह साल पहले जब यहां झुग्गी हुआ करती थी, तो मेकेनिक के रूप में रहा करते थे। कुल कितने लोग थे, इसके बारे में इन्हें नहीं पता। ये सभी लोग बिहार के रहने वाले थे कोई ई-रिक्शा चालक था तो कोई मजदूरी करता था। अब ये लोग कहां चले गए है? किसी को कुछ नहीं पता। लोग बस चुनाव के समय वोट करने आते है और उसके बाद गायब हो जाते है।
वोटिंग के बाद लोग गायब
अरोड़ा की इसी दुकान से दस मीटर की दूरी पर एक और दुकान है जो 1996 से है। वहां एक और मीटर लगा है टी 81 इस पत्ते पर भी कोई नहीं रहता है। अन्य स्थानीय निवासियों की मानें तो दोनों अवैध हैं। न्यूज24 ने अपने रियल्टी चेक में पाया कि इससे सटी पुरानी शाॅप्स कार रिपेयरिंग की है जोकि वैध है जबकि दीवार पर लगा बिजली का मीटर जिस पर वोटर्स के नाम अंकित है, लेकिन वहां कोई छत नहीं है।
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रियल्टी चेक-2
हाउस नंबर सात मोती नगर आनंद कॉलोनी इस पते पर रजिस्टर्ड 19 वोटर्स...घर का एरिया 3०० स्कायर फीट, रेंट पर घर...
इसके बाद न्यूज24 की टीम मोती नगर के आनंद काॅलोनी स्थित उस पत्ते पर पहुंची जिसका जिक्र बीजेपी नेता ने वीडियो में किया था। इस पत्ते पर गुप्ता परिवार के 19 वोटर्स रजिस्टर्ड थे। जब न्यूज24 की टीम पहुंची तो यहां किराए पर रह रही एक महिला ने बताया वोटर्स लिस्ट में मौजूद किसी शख्स को वो जानती ही नहीं है। इस दौरान वहां मौजूद एक अन्य महिला ने बताया कि चुनाव के समय लोग वोट देने आते हैं लेकिन फिर कहां चले जाते हैं यह वे नहीं जानते।
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