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क्या दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन? इस्तीफा देने को तैयार नहीं केजरीवाल; क्या कहते हैं नियम

Will Delhi Have President Rule : अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि दिल्ली की सरकार कौन चलाएगा? आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि सरकार केजरीवाल ही चलाएंगे भले ही जेल के अंदर से चलानी पड़े। लेकिन, यह भी कहा जा रहा है कि अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है।
08:36 AM Mar 22, 2024 IST | Gaurav Pandey
अरविंद केजरीवाल
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Will Delhi Have President Rule : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से ईडी को कई समन जारी किए जा चुके थे। इन सब के बीच सवाल उठ रहा है कि दिल्ली की सरकार का क्या होगा?

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आप नेताओं ने दावा किया है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। लेकिन, क्या सच में ऐसा संभव है, इसे लेकर नियम क्या कहते हैं, क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है? इस रिपोर्ट में जानिए ऐसे ही सवालों के जवाब।

इस मामले पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की संभावना नहीं दिख रही है कि केजरीवाल जेल के अंदर से दिल्ली की सरकार चला पाएंगे। पहले कभी ऐसा होता हुआ नहीं देखा गया है। एक रिटायर जज का कहना है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी जेल जाता है तो उसे सस्पेंड करने का कानून है। नेताओं को लेकर ऐसी कोई रोक नहीं है।

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लेकिन, दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है। इस स्थिति में अगर जेल गए मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। ऐसा पहले नहीं देखा गया कि किसी प्रधानमंत्री या किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने जेल में रहते हुए सरकार चलाई हो।

जेल के नियमों का करना होगा पालन

राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण के अनुसार अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया है। अगर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो यह फैसला अदालत करेगी कि वह मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं या नहीं। योगेंद्र नारायण का कहना है कि इसमें संविधान के नियमों का कोई लेना-देना नहीं है।

इसके अलावा जेल में रहते हुए केजरीवाल को उन्हीं नियमों का पालन करना होगा जो बाकी कैदियों के लिए हैं। ऐसे में जेल में रहते हुए सरकार चलाना प्रैक्टिकल रूप से न तो आसान दिखता है न संभव। नियमों के अनुसार जेल से हुए वह केवल पत्र लिख पाएंगे और वह भी जब चाहें तब नहीं।

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Tags :
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