अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले में कैसे फंसे, ED ने क्या लगाए हैं आरोप?
Arvind Kejriwal Delhi Liquor Policy Scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें दिल्ली के शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार किया। जहां एक ओर ईडी ने उन पर घूस का आरोप लगाया है तो वहीं आप नेताओं ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर केजरीवाल तक जांच की आंच कैसे पहुंची।
बड़े कारोबारियों को पहुंचाया फायदा
दिल्ली सरकार ने शराब नीति 2021-22 जारी की थी। कहा गया कि शराब नीति में बदलाव का उद्देश्य बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाना था। जहां पहले शराब नीति के जरिए राजस्व की आय होती थी तो वहीं नई नीति से बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचा। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार अरविंद केजरीवाल का जिक्र किया है।
आरोपियों के संपर्क में थे केजरीवाल
केजरीवाल पर आरोप है कि नई शराब नीति बनाते समय कई आरोपी उनके संपर्क में थे। इस मामले में ईडी ने तेलंगाना की पूर्व सीएम की बेटी और बीआरएस नेता के. कविता को गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और के. कविता के साथ मिलकर साजिश रची। इसमें पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी गिरफ्तार हो चुके हैं।
केजरीवाल के घर मीटिंग की बात कबूली
दिल्ली शराब नीति घोटाले के एक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने भी केजरीवाल के घर मीटिंग की बात कबूली थी। वहीं एक और आरोपी विजय नायर भी सीएम ऑफिस में लगातार मीटिंग कर रहा था। आरोप है कि इस घोटाले से जुड़े कई आरोपी केजरीवाल के संपर्क में थे। साउथ की शराब लॉबी की ओर से आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये देने की भी बात सामने आई थी।
ED की ओर से इससे पहले केजरीवाल को 9 समन भेजे गए थे। गुरुवार को ईडी की टीम 10वां समन लेकर केजरीवाल के घर पहुंची थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट से भी केजरीवाल को झटका लग चुका है। हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। रात को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
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