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गैर जमानती अपराध... पांच साल की सजा, जानें बम की अफवाह फैलाना कितना 'खतरनाक'

Bomb Threat Punishment : दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह बम की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया है। एक मेल से कई स्कूलों को टारगेट किया गया। अगर कोई बम की अफवाह फैलाता है तो उसे क्या सजा मिलती है और कौन सी एजेंसी जांच करती है? आइए जानते हैं सबकुछ?
12:52 PM May 01, 2024 IST | Deepak Pandey
दिल्ली एनसीआर के स्कूलों में बम की सूचना पर मचा हड़कंप।
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Bomb Threat in Delhi-NCR Schools : दिल्ली-एनसीआर के 100 से अधिक स्कूलों को धमकी भरे ईमेल किए गए हैं। दिल्ली, गौतमबुद्ध नगर और गुरुग्राम के हाई प्रोफाइल स्कूलों में बम रखे जाने की सूचना पर हड़कंप मच गया। स्कूलों को बंद कर फटाफटा बच्चों को घर भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस की प्राथमिक जांच में कहीं से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। आइए जानते हैं कि हॉक्स कॉल करने की क्या सजा है और कौन इस मामले की जांच करता है?

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दिल्ली पुलिस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि स्कूलों में आज सुबह मिली बम की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्राथमिक जांच की, जिसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया है। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही है और परिस्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। आप सभी से अपील है कि कानून पर भरोसा रखें और शांति बनाए रखें।

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बम की अफवाह फैलने पर क्या होती है सजा?

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अगर कोई शरारती तत्व सिर्फ मजे लेने या फिर झूठ फैलाने के लिए बम की अफवाह फैलाता है तो ऐसे उपद्रवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505-बी के तहत मुकदमा दर्ज होता है। यह गैर जमानती अपराध है। इस धारा में बिना वारंट जारी किए पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। इस मामले में आर्थिक दंड और पांच साल की सजा का प्रावधान है।

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कौन एजेंसी करती है जांच?

बम की धमकी भरी सूचना मिलते ही सबसे लोकल पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है। उसके साथ खोजी कुत्ता और बम निरोधक दस्ता भी रहता है। लोकल पुलिस और बम निरोधक दस्ता के अधिकारी और कर्मचारी चप्पे-चप्पे की तलाशी लेते हैं। अगर मामला आतंकवाद से जुड़ा होता है तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम बिना किसी रोकटोक और बिना किसी की अनुमति की कार्रवाई कर सकती है।

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