'आम आदमी आम नहीं तो क्या मशरूम खाएगा?', केजरीवाल की याचिका पर तीखी बहस, कोर्ट ने किया ऑर्डर रिजर्व
Arvind kejriwal lawyers arguments in court: शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को कोर्ट में जोरदार बहस हुई। तिहाड़ जेल में बंद सीएम ने अपनी याचिका में 15 मिनट के लिए डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कराने की मांग की है। वहीं, ईडी ने इसका विरोध करते हुए एम्स के डॉक्टरों की इस पर राय लेने का तर्क रखा है।
22 अप्रैल को कोर्ट सुनाएगी अपना फैसला
राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर 22 अप्रैल तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस बीच सीएम की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन और ईडी को 20 अप्रैल तक अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष दायर करना है।
डायबिटीज होने के बावजूद सीएम आम खाते हैं
अदालत में ईडी और सीएम केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वकील की तीखी बहस हो गई। ईडी ने आरोप लगाए की डायबिटीज होने के बावजूद सीएम आम खाते हैं, वे अपनी चाय में चीनी डालकर पीते हैं और आलू-पूरी का सेवन करते हैं। इस पर सीएम के वकील रमेश गुप्ता ने विरोध जताते हुए कहा कि आम आदमी ही आम खा रहा है। आम आदमी आम नहीं खाएगा तो क्या मशरूम खाएगा?
एक बार की आलू-पूरी खाई
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीएम 22 साल से मधुमेह से पीड़ित है, उन्हें रोजाना इंसुलिन की जरूरत होती है। 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद से वे अपना शुगर चार्ट पालन करने में असमर्थ हैं। वहीं, आगे उन्होंने ईडी के आरोपों पर कोर्ट को स्पष्ट करते हुए बताया कि घर से 48 बार भेजे गए भोजन में केवल एक बार ही केजरीवाल ने नवरात्र के प्रसाद के रूप में आलू-पूरी खाई है।
केवल तीन बार आम भेजे गए
केजरीवाल के वकील ने अदालत को बताया कि वे अपनी चाय में शुगर फ्री का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा ईडी का उनके आम खाने वाले बयान सरासर गलत है। केजरीवाल को जेल में सिर्फ तीन बार आम भेजे गए। आठ अप्रैल के बाद उन्हें कोई आम नहीं भेजा गया है।