दिल्ली के 5 इलाकों में AQI 300 पार, 7 में 250 से ज्यादा; जानें राजधानी ही क्यों जूझ रही प्रदूषण से?
Delhi Air Pollution Latest Update: दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में अक्टूबर के महीने में ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से 400 के बीच चल रहा है। पिछले 15 दिन से राजधानी और इससे सटे शहर स्मॉग से जूझ रहे हैं। राजधानी के ज्यादातर इलाकों ने स्मॉग की चादर ओढ़ी हुई है। हालांकि ग्रैप-1 और ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू होने से प्रदूषण के स्तर में कमी आई है, लेकिन वायु प्रदूषण के कारण राजधानी की हवा जहरीली बनी हुई है। आज दिल्ली का AQI 273 है। नरेला में 308, मुंडका 351, जहांगीरपुरी 313, आनंद विहार 351, विवेक विहार 326, एयरपोर्ट 274, ITO 284, लोधी रोड 214, ओखला 272, RK पुरम 285, रोहिणी 289, द्वारका 268 AQI है, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर दिल्ली ही वायु प्रदूषण से क्यों जूझ रही है?
दिल्ली में वायु प्रदूषण है क्योंकि...
पंजाब-हरियाणा में किसान फसलों के बचे हुए अवशेष जलाते हैं, जिन्हें पराली (Stubble Burning) कहते हैं। पराली जलाने पर निकलने वाला धुंआ प्रदूषक बनकर आसमान में घुल जाता है। हवा की दिशा (Wind Direction), गति और नमी भी दिल्ली-NCR की हवा में जहर घोलती है। पाकिस्तान से आने वाली हवाएं हरियाणा, पंजाब, दिल्ली की तरफ बहती हैं, लेकिन वे धूलकणों से भरी होती हैं। इस हवा में पराली जलाने पर निकलने वाला धुंआ मिल जाता है तो स्मॉग (SMOG) बन जाता है।
दिल्ली की सर्दियों में तापमान लगातार बदलने से भी पॉल्यूशन बढ़ता है। इसे टेंपरेचर इन्वर्शन (Temperature Inversion) कहते हैं। ठंडी हवाओं के ऊपर गर्म हवाओं की परत बनने से प्रदूषक बनते हैं। गाड़ियों ने निकले वाला धुंआ भी प्रदूषण का कारण है। दिल्ली में 25 फीसदी PM2.5 उत्सर्जन गाड़ियों से निकलने वाले धुंए की वजह से होता है। इंडस्ट्रियों से निकलने वाली गैस और केमिकल्स भी प्रदूषण फैलाते हैं। सूखे इलाकों से आने वाली सूखी हवा में मिले रेत के कण, पटाखों से निकलने वाले केमिकल, घरेलू बायोमास का जलना भी वायु प्रदूषण का कारण है।
दिल्ली में 19005 किलो पटाखे जब्त
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। राजस्व विभाग की 77 टीमें और दिल्ली पुलिस की 300 टीमें पूरे शहर में तैनात हैं, जिन्होंने दिवाली से पहले पटाखे बेचने और स्टॉक करने 79 केस दर्ज किए हैं। 19005 किलोग्राम पटाखे भी जब्त किए गए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक नोटिफिकेशन जारी करके एक जनवरी 2025 तक पटाखे बनाने, बेचने, खरीदने और स्टॉक करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।