होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Artifical Rain क्या और कैसे करती काम? कृत्रिम बारिश से कैसे साफ होगी दिल्ली की 'जहरीली' हवा

Artificial Rain For Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण खत्म करने का एकमात्र तरीका अब कृत्रिम बारिश बचा है। इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है, लेकिन क्या कृत्रिम बारिश स्मॉग खत्म करने में कारगर साबित होगी? आइए कृत्रिम बारिश के बारे में जानते हैं...
10:37 AM Nov 20, 2024 IST | Khushbu Goyal
वायु प्रदूषण खत्म करने का एकमात्र तरीका कृत्रिम बारिश बचा।
Advertisement

Delhi Air Pollution Solution Artificial Rain: दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से 500 के बीच बना हुआ है। पिछले 20 दिन से लगातार स्मॉग की मोटी चादर बिछी हुई है। वायू प्रदूषण इतना खतरनाक हो गया है कि सांस लेना भी दूभर है। ऊपर से घने कोहरे की चादर ने मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीला कर दिया है। दिल्ली के सभी इलाकों की हवा काफी जहरीली है।

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार 12वीं तक के स्कूल बंद कर चुकी है। 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार से दिल्ली के कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) कराने की अनुमति मांगी है। इसके लिए केंद्र सरकार को लेटर लिखा गया है। आइए जानते हैं कि कृत्रिम बारिश क्या और यह कैसे काम करेगी और क्या इस बारिश से वायु प्रदूषण खत्म हो जाएगा?

यह भी पढ़ें:दिल्ली में सांसों का Lockdown; 15 इलाकों में 400 से ज्यादा AQI, जानें कब तक ऐसा रहेगा मौसम?

कृत्रिम बारिश और क्लाउड सीडिंग क्या है?

राजधानी दिल्ली वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार दिल्लीवासियों को राहत दिलाने हेतु कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास कर रही है। कृत्रिम बारिश तब कराई जाती है, जब बादल छाए होते हैं, लेकिन वे बरसने वाले नहीं होते। बारिश होती भी है तो वह धरती तक नहीं पहुंच पाती, बल्कि गरज रहे बादलों में ही दब जाती है। ऐसे हालातों में स्पेशल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बारिश कराई जाती है। इस टेक्नोलॉजी का नाम क्लाउड सीडिंग है।

Advertisement

इसके तहत बादलों में बारिश के बीच डालकर पानी बरसाया जाता है। बीज सिल्वर आयोडाइड, पोटैसियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड का मिश्रण होते हैं, जिन्हें हवाई जहाज या एयरक्राफ्ट के जरिए बादलों पर छिड़का जाता है। यह बीज बादल में पहले से मौजूद पानी की बूंदों को जमाकर बर्फ बना देते हैं। यह बर्फ की बूंदें एक दूसरे से चिपककर गुच्छे बन जाते हैं और यह गुच्छे जमीन पर गिरते हैं और फूटते ही पानी निकलता है।

यह भी पढ़ें:दिल्ली में सांसों की Emergency, नहीं सुधरे हालात तो आगे क्या? ऑनलाइन क्लास, Grap-4 लागू

क्या अभी कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है?

सूत्रों के अनुसार, परमिशन मिलने के बाद भी कृत्रित बारिश नहीं कराई जा सकेगी। क्योंकि कृत्रिम बारिश कराने के लिए बादल छाने जरूरी हैं। 40 प्रतिशत बादल जरूरी हैं और दिल्ली में अभी आसमान साफ है, इसलिए दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराना संभव नहीं है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Artificial raindelhi air pollutiondelhi air quality indexDelhi Smog
Advertisement
Advertisement