'चुनाव के चलते बेल देने पर कर सकते हैं विचार'...SC ने केजरीवाल की याचिका पर दिए निर्देश
Delhi excise policy case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। माना जा रहा था कि अगर सुनवाई लंबी चली, तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर विचार किया जा सकता है। दिल्ली शराब घोटाले के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप सामने आए थे। इसी मामले को लेकर केजरीवाल ने याचिका दायर की है। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी 7 दिन की न्यायिक हिरासत 7 मई तक 23 अप्रैल को बढ़ा दी थी।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद हैं। जिसके ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए सीएम ने हाई कोर्ट में भी अपील दायर की थी। लेकिन न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा कि वह केजरीवाल को चुनावों के कारण अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकता है। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार यानी 7 मई को होनी है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि मामले में टाइम लग सकता है।
इसलिए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार हो सकता है। सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने की। इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ईडी की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि वे केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करेंगे। बेंच ने कहा कि वे जमानत देंगे, ऐसा नहीं कह रहे। लेकिन 7 मई को दलीलों को लेकर तैयार होकर आएं। जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी। इसके अलावा कोर्ट ने कई और सवाल राजू से किए।
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उनके वकील की ओर से कई दलीलें दी गई हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में 12 जनवरी को ईडी को दिए जवाब का भी हवाला दिया। सिंघवी ने कहा कि ईडी का जवाब था कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत उनको तलब किया गया है। कोई व्यक्त समन के साथ आरोपी नहीं होता है। सिंघवी ने दलील दी कि केजरीवाल सिर्फ समन कर्ता हैं। न ही आरोपी हैं और नहीं वे दोषी ठहराए गए हैं।
केजरीवाल को 16 मार्च को भेजा था समन
सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को 16 मार्च को ईडी की ओर से समन भेजा गया था। उनको 21 मार्च को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था। इसलिए ये स्पष्ट था कि वे आरोपी नहीं हैं। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जब तक आप अरेस्ट नहीं होते हैं, आरोपी नहीं बन सकते हैं। सिंघवी की ओर से कहा गया कि उन्होंने लिखित में पूछा था कि क्या आरोपी हैं?