'बाढ़ से निपटेंगे...', दिल्ली की सीएम ने LG के साथ किया नालों का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए ये आदेश
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और लोक निर्माण मंत्री परवेश वर्मा ने रविवार को राजधानी के 3 प्रमुख नालों का निरीक्षण किया। बारापुला, कुशक और सुनहरी पुल की स्थिति देखने के बाद एलजी और सीएम ने अधिकारियों को मानसून से पहले समय पर गाद निकालने का काम पूरा करने के आदेश दिए। बता दें कि दिल्ली की नवगठित बीजेपी सरकार ने मानसून के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हर साल दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति देखने को मिलती है।
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इस बार बारिश के सीजन में दिल्ली में जलभराव की समस्या न आए, इसलिए सरकार ने अभी से जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों को सख्त हिदायत जारी की गई है कि समय रहते नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाए। उपराज्यपाल सक्सेना और मुख्यमंत्री गुप्ता के साथ लोक निर्माण मंत्री वर्मा ने व्यक्तिगत रूप से सफाई के कामों का निरीक्षण किया है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।
मिलकर काम करने की जरूरत
एलजी के अनुसार रेखा गुप्ता ने कहा है कि इस साल राजधानी में जलभराव नहीं होना चाहिए। इसलिए योजना बनाई गई कि हम दोनों मिलकर राज्य के प्रमुख नालों का निरीक्षण करें। हमने बारापुला, सुनहरी पुल के नालों का निरीक्षण किया और मुझे पूरा विश्वास है कि गुप्ता द्वारा दिए गए आदेशों के बाद यह काम समय पर पूरा हो जाएगा। सरकार के साथ उनका समन्वय अच्छा चल रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शहर में तेजी से सफाई का काम करवा रही हैं। पहले दिल्ली नगर निगम (MCD) और दिल्ली सरकार जलभराव के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते थे, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती थी। हालांकि नई सरकार के आने के बाद अधिकारियों के साथ तालमेल से काम करने पर जोर दिया जा रहा है।
एसी कमरों में बैठकर हल नहीं होते मुद्दे
सीएम गुप्ता ने कहा कि इन नालों को पिछली सरकारों ने कभी गंभीरता से नहीं लिया और कभी सफाई नहीं करवाई गई। इस बात को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं थी कि उनके रखरखाव के लिए कौन जिम्मेदार है? अब गाद निकालने की जिम्मेदारी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को सौंपी गई है। हमारी सबसे पहली प्राथमिकता मानसून के दौरान जलभराव को रोकना है और यह काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। सफाई के बारे में वे विधायकों से भी जानकारी लेंगी। दिल्ली का विकास सुनियोजित तरीके से होगा। इन मुद्दों को केवल एसी कमरों में बैठकर या प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हल नहीं किया जा सकता। किसी भी परियोजना की योजना अगले 100 साल के लिए बनाई जानी चाहिए। सरकार की प्राथमिकता दिल्ली के लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।