'पुलिस ने एक पुराने वीडियो पर भरोसा किया', पढ़ें दिल्ली दंगे के आरोपी को बरी करते हुए दिल्ली कोर्ट की टिप्पणी

featuredImage

Advertisement

Advertisement

Delhi Court Judgement : दिल्ली की अदालत ने बुधवार को एक आरोपी को बरी कर दिया है , जिसे 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली के दौरान दंगा, आगजनी और गैरकानूनी सभा करने के आरोप में तीन साल पहले गिरफ्तार किया गया था। तर्क दिया गया कि गवाह को एक तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए आरोपी की पहचान करने के लिए सिखाया गया होगा। मामला, मार्च 2020 करावल नगर पुलिस स्टेशन का है। जहां दो शिकायतकर्ता, अफसर और मोहम्मद शामिल थे। अशफाक का आरोप था कि भीड़ ने करावल नगर में आस-पास के सड़कों पर उनकी संपत्तियों को तोड़ दिया और इसके बाद वहां पर आगजनी भी की थी।

यह भी पढ़ें – आ गया पेट्रोल, डीजल का विकल्प, छत्तीसगढ़ में लगेगी देश की पहली इथेनॉल डिस्टिलरी

गैरकानूनी तरीके से आरोपी ठहराने का मामला

एडिशनल सेशन जस्टिस पुलस्त्य प्रमाचला ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस ने एक पुराने वीडियो पर भरोसा किया था, जो वर्तमान मामले की घटनाओं से संबंधित नहीं था। युवक पर आरोप लगाया गया कि दंगाई भीड़ का हिस्सा था। एएसजे प्रमाचला ने तर्क दिया कि वीडियो में जिसे आरोपी दर्शाया गया है, वह वीडियो ‘भ्रामक’ है। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि भीड़ द्वारा दंगा करने और गैरकानूनी तरीके से आरोपी ठहराने का मामला बनाया गया था, दावे करने वाला पक्ष अभियोजन पक्ष, आरोपी को गुनहगार साबित नहीं कर पा रहा है।

आरोपी का बयान गुमराह करने वाला

कोर्ट ने गवाह के बयान में कई गुमराह करने वाली चीजें पाईं। अभियोजन पक्ष ने स्वीकार किया कि आरोपी को जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया गया था, गवाह का कहना है कि उसने आरोपी को मार्च 2020 में पुलिस स्टेशन में देखा था।

(Valium Online)

Open in App
Tags :