'सबूत होने पर ही गिरफ्तारी हों...' केजरीवाल की याचिका पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा, जानें किसने-क्या दलीलें दीं?
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज लगातार दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। केजरीवाल ने शराब नीति मामले में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई कर रही है। मामले में ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू और सीएम केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें दे रहे हैं।
बता दें कि ईडी ने आज शराब घोटाला मामले में आप पार्टी और सीएम केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। ऐसे में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब पार्टी के पदाधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि केजरीवाल ने अपने फोन का पासवर्ड बताने से मना किया तो हमने हवाला ऑपरेटरों के फोन से चैट बरामद की है।
कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एएसजी राजू ने दलीलें देते हुए कहा कि रिश्वत का पैसा हवाला के जरिए भेजा गया था। वहीं जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जांच अधिकारी आम तौर किसी व्यक्ति को तब तक अरेस्ट नहीं कर सकते जब तक उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत ना हों और यही स्टैंडर्ड भी होना चाहिए। वहीं केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि सीएम को दोषी साबित नहीं करने वाले 9 बयान हैं लेकिन एजेंसी ने उन्हें कोई महत्व नहीं दिया।
मामले की सुनवाई करतेे हुए जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमनें सभी पक्षों की दलीलें सुनीं। ऐसे में हम फैसला सुरक्षित रखते हैं। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कानून के मुताबिक जमानत के लिए निचली अदालत में अपील दायर कर सकते हैं। दोनों पक्ष एक सप्ताह में एडिशनल नोट और दस्तावेज दाखिल कर सकते हैं।
केजरीवाल के वकील सिंघवी ने क्या कहा?
1.सीएम केजरीवाल के वकील ने दलीलें देते हुए कहा कि डेढ़ साल तक जांच चली लेकिन इन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
2. ईडी के पास जुलाई 2023 के जो सबूत थे उसके आधार पर कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। क्या शरथ रेड्डी इतना भरोसेमंद था कि ईडी ने उसके आधार पर केजरीवाल को अरेस्ट कर लिया।
3. केजरीवाल का नाम इस मामले में विजय नायर से जोड़ दिया। विजय नायर के खिलाफ उनके पास एक मामला है ईडी ने केजरीवाल को इस आधार पर अरेस्ट कर लिया कि वह सीएम का सहयोगी था।
4. ईडी ने इस मामले में 30 अक्टूबर 2023 को पहला समन जारी किया। इसमें केजरीवाल आरोपी नहीं थे। वहीं ईडी ने इस मामले में आखिरी समन 16 मार्च को पेश किया था। इसमें भी केजरीवाल आरोपी नहीं थे। फिर अचानक 5 दिन बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया जाता है।
5. ईडी के पास सारे सबूत अगस्त 2023 के पहले के हैं। इस केस में नया कुछ नहीं है। एजेंसी अपने मामले में खुद ही जज बन गई है। इसमें आजादी होनी चाहिए।
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