केजरीवाल की क्यों जरूरी थी गिरफ्तारी, ED के 'सुप्रीम' जवाब पर आप का पलटवार
ED filed reply in Supreme Court: शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर ED ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अपना जवाब दाखिल किया है। शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई पर जांच एजेंसी से इस मामले में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। इस मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को हो सकती है।
सीएम पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए
ED ने अपने जवाब में कहा है कि केजरीवाल से पूछताछ के लिए ED ने 9 बार समन जारी किया पर वो पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। ईडी ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि सीएम ने लगातार जांच से बचने की कोशिश की है। आगे ईडी ने अपने हलफनामे में बताया कि हाईकोर्ट से जब अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी से संरक्षण जैसी राहत नहीं ले पाए तो उसके बाद ही 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी की गई।
केजरीवाल की दलीलें ठीक नहीं
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने जवाब में बताया कि केजरीवाल की ये दलील ठीक नहीं कि चुनाव से पहले उनकी गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत के खिलाफ है। कोई भी आरोपी, चाहे उसका राजनतिक रसूख कितना भी बड़ा हो, अगर पर्याप्त सबूत के चलते उसकी गिरफ्तारी होती है तो इससे चुनाव प्रकिया की स्वतंत्रता या निष्पक्षता प्रभावित नहीं होती। अगर ये दलील मान ली जाए तो फिर तो आपराधिक पृष्ठभूमि के सारे राजनेता गिरफ्तार होने से बच जाएंगे।
ED के जवाब पर 'आप' ने किया पलवार
ED के शीर्ष अदालत में अपना जवाब दाखिल करने के बाद AAP पार्टी ने अपना बयान जारी किया है। आप ने कहा कि ईडी इस मामले में शुरू से झूठ बोल रही है, जांच एजेंसी झूठ की मशीन की तरह काम कर रही है। आप ने आरोप लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसी BJP के राजनीतिक दल की तरह काम कर रही है। केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास एक भी सबूत नहीं है। आप ने आरोप लगाया कि ये जांच ED की नहीं ये तो BJP की जांच है। आप ने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना चाहती है, यही वजह है कि चुनाव से ऐन पहले उनकी गिरफ्तारी की गई।