मनीष सिसोदिया को कोर्ट से फिर मिला झटका, CBI की दलील पड़ी भारी, अदालत ने 20 अप्रैल तक टाली सुनवाई
Manish Sisodia Bail Petition: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर राऊज एवन्यू कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। मनीष सिसोदिया के वकील ने उन्हें अनिश्चितकाल तक जेल में रखने के खिलाफ याचिका दायर की थी। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत पर आपत्ति जताई है।
मनीष सिसोदिया के वकील ने उठाया सवाल
मनीष सिसोदिया के वकील विवेक जैन ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि मनीष सिसोदिया को अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। इस दलील को SC ने स्वीकार किया था। अदालत का कहना था कि हम आपसे सहमत हैं। उस बिंदु पर सिसोदिया के पक्ष में सहमति बनी थी। पैरा 29 में कोर्ट ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहां करोड़ों लोगों को लूटा गया हो।
ED ने दी दलीलें
सुनवाई के दौरान ED के वकील हुसैन ने कहा कि मैं पहले ही देरी के बारे में विस्तार से बता चुका हूं। मैंने मुकदमे की कार्यवाही में ऐसी परिस्थितियां भी दिखाई हैं, जहां बड़ी संख्या में एप्लिकेशन दायर किए गए थे और इस प्रकार, यह नहीं कहा जा सकता कि ट्रायल धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। एक पब्लिक पर्सन जो नीति निर्माण के दायरे में है, उसने शराब नीति को इस तरीके से तैयार किया कि होलसेल विक्रेताओं के एक ग्रुप को फायदा हो।
ED ने पूछे सवाल
ED के वकील हुसैन का कहना था कि जब लाइसेंस फीस अधिक थी, तो प्रॉफिट मार्जिन कम था। लाइसेंस फीस कम की गई और प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाया गया। असर अब उपभोक्ता पर था। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट से भटकया क्यों? कमेटी ने कहा कि होलसेल पार्ट सरकार को दें, इस बात पर कोई चर्चा नहीं है कि होल सेल बिजनेस निजी कंपनियों को क्यों दिया गया ।
सीबीआई की दलील का इंतजार
ED के वकील की दलील पूरी होने के बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के वकील से सवाल किया कि क्या वो ED की दलीलों का जवाब देना चाहेंगे या फिर सीबीआई की दलील पूरी होने के बाद इसपर बोलेंगे? इसपर सिसोदिया के वकील ने सीबीआई की दलील पूरी होने की बात रखी और अब अदालत में सीबीआई अपना पक्ष रख रही है।
मनीष सिसोदिया की अपील
बता दें कि मनीष सिसोदिया ने आगामी चुनाव के कारण कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी। मनीष सिसोदिया ने अदालत से चुनाव प्रचार के लिए कुछ दिनों की रिहाई मांगी थी, जिससे आम आदमी पार्टी का प्रचार प्रसार कर सकें और चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें फिर से ईडी हिरासत में ले सकती है। मगर ईडी ने इस जमानत से आपत्ति जताई है। अब देखना होगा कि कोर्ट इसपर क्या फैसला सुनाती है?
मास्टमाइंड हैं सिसोदिया- सीबीआई
सीबीआई के वकील ने मामले पर कहा कि मनीष सिसोदिया इस मामले के मास्टरमाइंड है। उन्हें साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये मिले थे। विश्वसनीय और अविश्वसनीय (relied & unrelied) documents की लिस्ट सिसोदिया को दी गई है और जांच भी की गई है। धारा 207 की कार्रवाई पूरी कर ली गयी है, जिसके बारे में कोर्ट को जानकारी दी गई है। ट्रायल 6-8 महीने में पूरा कर पाना संभव नहीं है। लेकिन फिर भी हम स्पीड से इस स्टेज पर आ गए हैं।
20 अप्रैल को होगी सुनवाई
सीबीआई के वकील ने मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पूरी नीति के मुख्य आर्किटेक्ट हैं। साउथ ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए एक्साइज पॉलिसी बनाने में पूरी साजिश के मुख्य सूत्रधार सिसौदिया हैं। वहीं सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई को 20 अप्रैल तक टाल दिया है।