दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने में बाधा क्या? केजरीवाल की रणनीति पर फिरेगा पानी, देना होगा EC को सॉलिड रीजन
Delhi Assembly Election 2025: अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही राजधानी में महाराष्ट्र के साथ विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। हालांकि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा को भंग नहीं किया है। केजरीवाल ने कहा कि मैं और मनीष सिसोदिया जनता के बीच जाएंगे और जनता से अपनी 'ईमानदारी का सर्टिफिकेट' मांगेंगे। अब सवाल ये है कि दिल्ली में चुनाव कब हो सकते हैं, क्या चुनाव आयोग केजरीवाल की बात मान लेगा।
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एक्सपर्ट्स की मानें तो जल्दी चुनाव कराने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को चुनाव आयोग को ठोस कारण बताने होंगे। हालांकि अंतिम फैसला चुनाव आयोग का ही होगा। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा सत्र 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। और माना जा रहा है कि इस तारीख से पहले दिल्ली में चुनाव हो सकते हैं। जबकि महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
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दरअसल संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक चुनाव आयोग दिल्ली में महाराष्ट्र के साथ चुनाव करा सकता है। लेकिन पिछले चुनावों के शेड्यूल को देखें तो चुनाव आयोग ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव के साथ किसी और राज्य का चुनाव नहीं कराया है।
दिल्ली में जल्दी विधानसभा चुनाव कराने में एक और बाधा ये है कि वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। दिल्ली में वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम 1 जनवरी से शुरू होगा। किसी भी चुनाव से पहले पहली बार के वोटरों को मौका देने के लिए वोटर लिस्ट का अपडेट किया जाना अनिवार्य है। ऐसे में चुनाव आयोग तय शेड्यूल पर ही चुनाव करा सकता है।