अप्राकृतिक सेक्स, समलैंगिकता पर आयोग का फैसला रद्द, मेडिकल कोर्स में होना था बदलाव
National Medical Commission: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 31 अगस्त को सोडोमी और समलैंगिकता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का आदेश दिया था। इसी आदेश को वापस लेते हुए चिकित्सा छात्रों को अब सोडोमी और समलैंगिकता को अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में नहीं पढ़ाने का आदेश दिया गया है। आयोग ने कहा कि योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम (CBMI) 2024 के तहत सोडोमी और समलैंगिकता को फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी सिलेबस में शामिल करने को कहा गया था, जिसको रद्द करने का फैसला लिया गया है।
रद्द किए गए निर्देश
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने इसके लिए एक लेटर जारी किया। इसमें लिखा गया कि योग्यता-आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम (सीबीएमई) दिशानिर्देश 2024 वापस ले लिया गया है। यह सूचित किया जाता है कि '31.08.2024 का परिपत्र जो योग्यता-आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम (CBMI) 2024 के तहत दिशानिर्देश जारी करता है। उसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया और रद्द किया जाता है। उपरोक्त दिशानिर्देशों को उचित समय पर संशोधित और अपलोड कर दिया जाएगा।'
इसपर चिकित्सा शिक्षा में विकलांगता समावेशन के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिषद के सह-अध्यक्ष डॉ. सतेंद्र सिंह ने भी पोस्ट किया। उन्होंने लिखा 'एनएमसी पाठ्यक्रम अभी के लिए वापस लिया गया है। हमें यह देखने के लिए इंतजार करना चाहिए कि आगे क्या होने वाला है और हम यहीं पर नहीं रुक सकते, क्योंकि एनएमसी के पास कई यू-टर्न लेने का इतिहास है।
सोडोमी और समलैंगिकता के अलावा, एनएमसी ने कौमार्य और अपवित्रता, वैधता और इसके औषधीय-कानूनी महत्व को परिभाषित करने के अलावा हाइमन और इसके प्रकार, और इसके औषधीय-कानूनी महत्व जैसे सब्जेक्ट को वापस लाया था। मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश के बाद 2022 में इन सब्जेक्ट्स को हटा दिया गया था।
क्या है सोडोमी-समलैंगिकता
सोडोमी का तात्पर्य विषमलैंगिक या समलैंगिक व्यक्तियों के बीच विशिष्ट यौन क्रियाओं से है। सोडोमी में मौखिक और गुदा मैथुन शामिल है। सोडोमी में एक व्यक्ति और एक जानवर के बीच यौन गतिविधि भी शामिल है, जिसे बेस्टियलिटी के तौर पर भी जाना जाता है।