हाइब्रिड मोड में परीक्षा, सीमित होंगे नीट यूजी के अटेम्प्ट? राधाकृष्णन पैनल ने सुझाए बड़े बदलाव
NEET UG News: जहां तक संभव हो परीक्षा ऑनलाइन कराएं और अगर ऐसा न हो पाए तो परीक्षा को हाइब्रिड मोड में कराएं... मतलब प्रश्नपत्र ऑनलाइन भेजा जाए और परीक्षार्थी ओएमआर शीट पर जवाब दें। इसके साथ ही मेडिकल एग्जाम कई चरणों में कराए जाएं। साथ ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट में सब्जेक्ट का विकल्प सीमित जाए और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में परमानेंट कर्मचारियों की संख्या भी प्रभावी तौर पर बढ़ाई जाए। ये सारी सिफारिशें पूर्व इसरो प्रमुख डॉ के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली सात सदस्यों की कमिटी ने की हैं।
इस कमिटी को नीट एग्जाम में कथित पेपर लीक को लेकर देश भर में फैले आक्रोश के बाद गठित किया गया था। कमिटी का मुख्य काम उन सुधारों पर विचार करना था जिसके जरिए डाटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स को बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही परीक्षा की प्रक्रिया को भी चुस्त दुरूस्त बनाना था। वहीं कमिटी को एनटीए के स्ट्रक्चर और ऑपरेशन की भी समीक्षा करनी थी। कमिटी ने हाल ही में शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कमिटी ने परीक्षा प्रक्रिया पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की मांग की है। वहीं सरकार से अपने परीक्षा केंद्र विकसित करने की बात कही गई है। बजाय इसके कि परीक्षा को किसी और प्राइवेट संस्था के जरिए कराया जाए।
मौजूदा वक्त में एनटीए परीक्षाओं का आयोजन सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में करती है। हालांकि इनकी संख्या कम पड़ने पर AICTE से मान्यता प्राप्त संस्थाओं और कॉलेजों में परीक्षा का आयोजन किया जाता है। अगर इनकी भी संख्या कम पड़ती है तो प्राइवेट संस्थानों की मदद ली जाती है। माना जा रहा है कि पैनल ने इन प्राइवेट संस्थानों की संख्या कम करने को कहा है।
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हाइब्रिड मोड में परीक्षा
कमिटी ने जहां तक संभव हो परीक्षा ऑनलाइन कराने को कहा है, लेकिन जहां ये संभव न हों, वहां परीक्षा हाइब्रिड मोड में कराई जाए ऐसी सिफारिश की गई है। हाइब्रिड मोड में प्रश्नपत्र डिजिटल तरीके से परीक्षा सेंटर पर भेजा जाएगा। और परीक्षार्थी ओएमआर सीट पर जवाब देंगे। कमिटी की ये सिफारिश इसलिए भी महत्वपूर्ण क्योंकि इसी साल झारखंड के हजारीबाग में परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र पहुंचने के बाद अवैध तरीके से इसे उन लोगों तक पहुंचाया जिन्होंने इसे सॉल्व करके लीक किया। प्रश्न पत्र डिजिटल तरीके से भेजने पर इसे जारी करने के लिए एग्जाम कराने वाली एजेंसी को काफी समय मिलेगा और इसे परीक्षा से ठीक पहले रिलीज किया जा सकेगा।
नीट यूजी के लिए सीमित करें अटेम्ट
कमिटी ने सीयूईटी एग्जाम को बेहतर करने के लिए सब्जेक्ट की संख्या सीमित करने की सिफारिश की है। यूजीसी की ओर से कराई जाने वाली इस परीक्षा में अभी 50 सब्जेक्ट हैं, और कैंडिडेट्स को भी इन 50 विषयों में से 6 विकल्प चुनने का ऑप्शन होता है। राधाकृष्णन पैनल ने नीट यूजी परीक्षा कई चरणों में कराए जाने की मांग की है। खास तौर पर दो चरणों में आयोजित करने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही पैनल ने नीट यूजी के लिए अटेम्प्ट की संख्या सीमित करने की भी सिफारिश की है। अभी तक नीट यूजी में कैंडिडेट जितनी बार चाहे उतनी बार किस्मत आजमा सकता है।