गलियों में घूमकर कपड़े बेचते थे पिता, बेटे ने पास कर ली UPSC की परीक्षा, ऐसा था IIT से IAS तक का सफर
UPSC Success Story: सिविल सेवा परीक्षा पास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। मगर मेहनत और लगन के दमपर कई लोगों ने इस नामुमकिन चीज को मुमकिन कर दिखाया है। इसी फेहरिस्त में एक नाम 2020 के IAS ऑफिसर अनिल बसाक का भी शामिल है।
बिहार से है ताल्लुक
02 अगस्त 1995 को बिहार के किशनगंज में जन्में अनिल बसाक ने 12वीं तक की शिक्षा अपने गृह राज्य से ही प्राप्त की। अनिल का परिवार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) था। उसके पिता राजस्थान के चुरू में हाउस हेल्पर की नौकरी करते थे। कुछ समय बाद उन्होंने गलियों में घूमकर कपड़े बेचना शुरू कर दिया। पिता को फेरी लगाते देखकर अनिल ने जिंदगी में कुछ बड़ा करने की ठानी और अपनी मेहनत के दमपर उन्होंने देश की दो सबसे मुश्किल परीक्षाएं पास कर लीं।
IIT में लिया एडमिशन
12वीं की परीक्षा देने के बाद अनिल ने IIT का एग्जाम दिया। अनिल हमेशा से पढ़ने में अव्वल थे, लिहाजा IIT में भी उन्हें अच्छी रैंक मिली और अनिल का दाखिला IIT दिल्ली में हो गया। अनिल ने यहां से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। मगर इसी दौरान अनिल का रुझास सिविल सेवा परीक्षा की तरफ हुआ और उन्होंने UPSC देने का मन बना लिया।
UPSC में मिली हार
IIT करने के बाद अनिल बसाक ने यूपीएससी की परीक्षा देने की ठानी और उन्होंने 2 साल तक मन लगाकर पढ़ाई की। 2 साल बाद अनिल ने 2018 में UPSC का पहली बार सिविल सेवा परीक्षा दी। मगर वो प्रिलिम्स में ही फेल हो गए। हालांकि अनिल ने हार नहीं मानी और उन्होंने अगले साल फिर से परीक्षा दी। इस बार अनिल को 616 रैंक मिली और उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (IRS) ऑफर हुई।
तीसरे प्रयास में मिली कामयाबी
अनिल बसाक ने IRS की नौकरी ज्वॉइन करने के बाद 1 साल की छुट्टी ली और फिर से परीक्षा की तैयारी में जुट गए। इस बार अनिल की मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2020 में 45 रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास कर ली। अनिल को बिहार कैडर मिला और अभी उनकी नियुक्ति रोहतास के बिक्रामगंज में बतौर SDM हुई है।