Yodha Important Scene: फिल्म के पांच ऐसे सीन जो सिनेमा में जाने को करते हैं मजबूर
Yodha Important Scene: ऐसा पहली बार नहीं है कि जब सिद्धार्थ मल्होत्रा ने फौजी बनकर दर्शकों का दिल जीता है। इसके पहले भी सिद्धार्थ मल्होत्रा 'शेरशाह' जैसी फिल्म में कमाल कर चुके हैं। फिल्म 'योद्धा' 15 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। भले ही फिल्म की पहले दिन की कमाई उम्मीद के हिसाब से नहीं हो सकी, लेकिन फिल्म के कुछ सीन्स ऐसे हैं, जो किसी को भी सिनेमा की ओर जाने को मजबूर करते हैं। आइए आपको बताते हैं कि आखिर फिल्म 'योद्धा' के ऐसे कौन-से सीन्स हैं, जो लोगों को थिएटर्स की ओर खींचते हैं?
'योद्धा' के ये सीन्स लोगों को अपनी ओर खींचते हैं
1. एक मासूम का जज्बा
फिल्म की शुरुआत ही बेहद शानदार है। इसके शुरू में ही जब एक छोटा-सा मासूम ये तय कर लेता है कि उसके शरीर पर या तो 'योद्धा' का यूनिफॉर्म होगा या फिर तिरंगा... ये सीन किसी के भी अंदर हिम्मत जगाने के लिए काफी है। हां, थोड़ा सा इमोशनल जरूर है, लेकिन इसके बाद का एक्शन देखकर तो कोई भी हिल उठेगा। साथ ही सिद्धार्थ मल्होत्रा का स्टाइल तो इतना शानदार है कि जब वो नदी के बीच में तिरंगे का रंग उड़ाते है, तो कोई भी उनका दीवाना हो जाएगा।
2. सिद्धार्थ मल्होत्रा और राशि खन्ना की केमिस्ट्री
फिल्म में दोनों सितारों की केमिस्ट्री बेहद कमाल की है। जहां राशि खन्ना हमेशा अपने पति के साथ खड़ी नजर आती हैं, तो वहीं सिद्धार्थ मल्होत्रा भी एक बेस्ट हसबैंड बनने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। दोनों की केमिस्ट्री कमाल की है। हां, फिल्म में दोनों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और बात तलाक तक भी चली जाती है, लेकिन फिर भी दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं हो पाते और दोनों को एक-दूसरे को समझने की कला भी कमाल की है। फिल्म का ये पॉइंट आपको अपनी ओर जरुर खीचेंगा।
3. सिस्टम की मार
फिल्म में जब पहला प्लेन हाईजैक दिखाया जाता है, तो इस सीन में बस एक ही सिचुएशन होती है, जिसे बेहद आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इस सिचुएशन को कंट्रोल ना करने के बजाय सिस्टम के अधिकारी किसी भी हालात के हाथ से निकल जाने का इंतजार करते हैं, जो फिल्म में दिखाया जाता है। पहले प्लेन हाईजैक को अरुण कट्याल बेहद शानदार तरह से कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सिर्फ आदेशों का इंतजार किया जाता है और जब सब कुछ हाथ से निकल जाता है, तो अरुण की मेहनत को हीरोगिरी का नाम दे दिया जाता है। फिल्म का ये सीन आपको भावुक कर सकता है, लेकिन इतना शानदार ही आप वाह कहे बिना तो रह ही नहीं पाएंगे।
4. दूसरा प्लेन हाईजैक
फिल्म के इंटरवल से पहले दूसरा प्लेन हाईजैक दिखाया जाता है, जिसकी भनक अरुण कट्याल को लग जाती है और वो हालात को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं, चूकि पहले से अरुण पर से सबका भरोसा उठ चुका होता है, तो इस बार भी उसकी बात कोई नहीं सुनता और सब अपनी-अपनी चलाने की कोशिश करते हैं। इन सबके बीच जब असली हाईजैकर का पता लगता है, तो सब चौंक सकते हैं, क्योंकि अरुण जिस पर भरोसा करके उसे सब करने के लिए कहता है वहीं असली हाईजैकर होती है। ये सीन दर्शकों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होगा।
5. सिद्धार्थ मल्होत्रा का एक्शन
पहले प्लेन हाईजैक में सिद्धार्थ मल्होत्रा का एक्शन अधूरा-सा लगता है, जिसकी कमी दूसरे प्लेन हाईजैक में पूरी होती नजर आती है। जब दूसरी बार प्लेन हाईजैक होता है और सिद्धार्थ मल्होत्रा दुश्मन को धूल चटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। साथ ही उनका डायलॉग कि.... इस फिल्म का हीरो मैं हूं...
जो सच में ना सिर्फ सिद्धार्थ पर बल्कि फिल्म पर भी खूब जचता है। इसलिए सिर्फ सिद्धार्थ का एक्शन नहीं बल्कि एक हीरो, फौजी और सिस्टम की मार झेल चुके जवान का एक्शन किसी को भी सिनेमा की ओर खींच सकता है।
यह भी पढ़ें- Yodha Review: फिल्म को क्यों नहीं मिले दर्शक? Super Hit पर भी कलेक्शन इतना कम? तो हिट की परिभाषा क्या?