Allu Arjun Case: कौन हैं तेलंगाना हाईकोर्ट की जज जुव्वडी श्रीदेवी? जिन्होंने 'पुष्पा' को दी जमानत
Allu Arjun Case: स्टार अभिनेता अल्लू अर्जुन को तेलंगाना हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। इससे पहले लोअर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया था। इसका मतलब है कि पुष्पा फेम स्टार 14 दिन तक चंचलगुडा सेंट्रल जेल में नहीं रहेंगे।
उन्हें 4 दिसंबर को 'पुष्पा-2' के प्रीमियर के दौरान हैदराबाद के संध्या थिएटर में मची भगदड़ मामले में गिरफ्तार किया गया। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी। वहीं, एक बच्चा बेहोश हो गया था। अल्लू अर्जुन मामले की सुनवाई तेलंगाना हाई कोर्ट की जज जुव्वडी श्रीदेवी की अदालत में हुई। इसके बाद तमाम दलीलों के बाद कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।
कौन हैं जुव्वडी श्रीदेवी?
जुव्वडी श्रीदेवी का जन्म 10 अगस्त, 1972 को जुव्वाडी भारती और जुव्वाडी सूर्य राव के घर हुआ था। वह जगतियाल जिले के थिम्मापुर गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने सेंट एन्स हाई स्कूल, बोलरम और श्री अरबिंदो इंटरनेशनल स्कूल, हैदराबाद से स्कूलिंग की। इसके बाद उस्मानिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया। फिर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी से संबद्ध लॉ कॉलेज, नांदेड़ से साल 1996 में कानून की पढ़ाई पूरी की।
मार्च 2022 से ही हाई कोर्ट जज हैं जुव्वडी श्रीदेवी
इसके बाद उन्होंने वर्ष 1996 में आंध्र प्रदेश राज्य बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में करियर शुरू किया। नामांकन कराया। फिा निर्मल में एन. प्रताप रेड्डी के कार्यालय में शामिल हुईं। असिस्टेंट सेशन कोर्ट, निर्मल में अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। यहां राजस्व, नगरपालिका, सेवा और आपराधिक कानून सहित विभिन्न कानूनों में अनुभव प्राप्त किया।
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वह 2014 से 2017 के दौरान भूमि अधिग्रहण के लिए सरकारी वकील रह चुकी हैं। 24 जनवरी 2018 को उन्हें तेलंगाना उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया। जबकि 24 मार्च 2022 को हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुईं।
हाई प्रोफाइल मामलों में बेल रिजेक्ट कर चुकी हैं जुव्वडी
पिछले महीने जुव्वडी श्रीदेवी ने कोरियोग्राफर शेख जानी बाशा को जमानत दी थी। जिन पर सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज था। नरसिंग पुलिस में शिकायत के बाद गिरफ्तारी के बाद जानी मास्टर दो सप्ताह से ज्यादा समय तक चंचलगुडा जेल में बंद रहे थे। अक्टूबर में उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के निलंबित पुलिस अधिकारी मेकला थिरुपथन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने टेलीफोन टैपिंग मामले में जमानत की मांग की थी।
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