एशियन सिनेमा की मां का निधन, वरुण गांधी से था खास कनेक्शन
Aruna Vasudev Passes Away: मशहूर फिल्म क्रिटिक और राइटर अरुणा वासुदेव का निधन हो गया है। उन्होंने बीते दिन गुरुवार को एक अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन की जानकारी करीबी दोस्त नीरजा सरीन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी है। पोस्ट के मुताबिक बताया गया है कि अरुणा वासुदेव स्वास्थ्य संबंधी बीमारी से जूझ रही थीं। इसके अलावा उन्हें अल्जाइमर भी था। इलाज के लिए उन्हें एक मल्टीस्पेशलिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने बिस्तर पर ही अपनी आखिरी सांस ली। अरुणा वासुदेवा ने 88 साल की उम्र में इस दुनियो को अलविदा कहा है। इस दुखद खबर के आते ही सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
दोस्ती ने दी निधन की जानकारी
बता दें कि फिल्म क्रिटिक और राइटर अरुणा वासुदेव की दोस्त नीरजा सरीन ने जानकारी देते हुए बताया कि 'वो कुछ समय से बीमारी से घिरी हुई थीं। उन्हें अल्जाइमर था और वृद्धावस्थ्सा के दौरान कई उम्र संबंधी बीमारी भी थी, जिसका वो लंबे वक्त से सामना कर रही थीं।
गुरुवार सुबह उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी आखिरी सांस ली।' बता दें कि अरुणा वासुदेवा ने राजनायिक सुनील रॉय चौधरी से शादी की थी। वहीं उनकी बेटी यामिनी रॉय चौधरी पॉलिटीशियन वरुण गांधी की पत्नी हैं।
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फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर
नीरजा सरीन ने आगे बताया कि अरुणा वासुदेव का अंतिम संस्कार लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा। उधर, निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी जा रही है। इस बीच दिग्गज एक्ट्रेस शबाना आजमी ने अरुणा वासुदेव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वो इस खबर से बहुत दुखी हैं।
उन्होंने कहा, 'वो एशियाई फिल्मों की एक ऐसी शैली बनाने में माहिर थीं, जिसके बारे में अलग से बात की जा सके। उनके नाम पर कई उपलब्धियां दर्ज हैं, लेकिन मैं उन्हें हमेशा उनकी हंसी और उनकी गर्मजोशी के लिए याद रखूंगी। मुझे उनके साथ रहना काफी अच्छा लगता था। उनके परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं हैं। उनकी पवित्र आत्मा को शांति मिले।'
सोशल मीडिया पर मिल रही श्रद्धांजलि
वहीं क्रिटिक और राइटर नम्रता जोशी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'फिल्मों के लिए अरुणा वासुदेव को धन्यवाद। 80-90 के दशक में दिल्ली में पले-बढ़े लोगों के लिए विश्व सिनेमा खासकर एशिया और अरब जगत का सिनेमा पहली बार हमारे घर आने का कारण अरुणा और लितिका पडगांवकर की ओर से सिनेफैन फिल्म महोत्सव और सिनेमाया पत्रिका के जरिए किए गए अथक प्रयास थे।' इसके अलावा फिल्म प्रोड्यूसर सानिया हाशमी ने भी अरुणा वासुदेव को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि दिल्ली की रहने वालीं अरुणा वासुदेव ने बतौर क्रिटिक, राइटर, चित्रकार, संपादक, निर्माता और ट्रस्टी के साथ-साथ एशियाई सिनेमा के रूप में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके अलावा वो सिनेमाया: द एशियन फिल्म क्वार्टरली की संस्थापक और संपादक भी थीं।