जिंदगी का हर रंग लिए हुए है Aspirants 2, यहां पढ़ें सीरीज का रिव्यू
Aspirants 2 Review: TVF यानि द वायरल फीवर की वेब सीरीज में कुछ तो खास होता है कि आप इससे जुड़ते चले जाते हैं। ‘कोटा फैक्ट्री’ ने एक बुनियाद खड़ी की और अब ‘एस्पिरेंट्स’ इसे आगे बढ़ा रहा है।
‘एस्पिरेंट्स’ के सीजन 1 और सीजन 2 के बीच इसके दो स्पिन ऑफ शो ‘SK सर की क्लास’ और ‘संदीप भैया’ आकर कामयाबी हासिल कर चुके हैं।
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एस्पिरेंट्स सीजन-2
एस्पिरेंट्स की सीजन-2 यूट्यूब से बाहर निकलकर अब प्राइम वीडियो तक का सफर तय कर चुका है। जाहिर है कि इस बार ऑन लाइन पढ़ाई वाले कोर्सेज के बेवजह के विज्ञापनों को किरदारों के मुंह से चमकाने वाले डायलॉग्स की जरूरत नहीं है। एस्पिरेंट्स के सीजन-2 को ये बात पहले एपिसोड से ही बेहतर बनाने लगती है। 5 एपिसोड के इस सीजन-2 की कमान इस बार भी डायरेक्टर अपूर्व सिंह कार्की के हाथों में हैं और उन्होंने इसे उन उम्मीदों के मुताबिक बनाया भी है, जो ‘सिर्फ एक बंदा ही काफ़ी है’ के बाद उनसे पूरी इंडस्ट्री ने लगाई है।
एस.के. और घूरी के बीच की दूरियां
एस्पिरेंट्स-2 की कहानी इसके पहले सीजन और स्पिन ऑफ वाले दोनों शो के आगे से निकलनी शुरु होती है। इसमें दिल्ली के राजेन्द्र नगर में ट्रायपॉड यानी अभिलाष, एस.के. और घूरी के बीच की दूरियों से शुरु किया जाता है। अभिलाष, यूपीएसी में अपने पांचवें और आख़िरी अटेंप्ट के लिए राजेन्द्र नगर पहुंच चुका है, लेकिन पिछले सीजन में धैर्या और घूरी के साथ बढ़ी दूरियां, उसे पुराने दोस्तों से अलग रखती है। दूसरी और घूरी और एस.के अपने दोस्त से मिलने के लिए बेचैन तो हैं ही मगर मैं सही और वो गलत वाली लकीर उनके बीच भी है।
कोचिंग क्लास में दाखिला
बदले सेलेब्स और ज़िंदगी के बदले हालात के साथ अभिलाष हर वो कोशिश कर रहा है, जो उसके और यूपीएससी के बीच का फासला कम कर सके। इसके लिए राधा राजेश की पॉपुलर कोचिंग क्लास में दाखिला पाने के लिए वो राष्ट्रपति के लेटर का भी जुगाड़ करता है अपने तरीके से ये सीन, एस्पीरेटेंट्स-2 की बेहतरीन राइटिंग का नमूना है। अभिलाष के साथ नई साथी दीपा भी जुड़ी है और साथ ही खिंचा-खिंचा सा रुमानी अहसास भी।
यूपी के रामपुर में डीएम
इसके बहुत आगे कहानी के दूसरे ट्रैक में यूपी के रामपुर में डीएम बने अभिलाष का वो सपना भी है जहां वो बायो फ्यूल– एथेनॉल के प्रोडक्शन में रामपुर को एक नज़ीर बनाना चाहता है। यहां ALC यानी असिस्टेंट लेबर कमिशनर हैं– संदीप भैया, जो राजेन्द्र नगर में अभिलाष के मैंटोर थे और यहां उसके जूनियर। संदीप भैया मज़दूरों के हक की आवाज उठा रहे हैं। फैक्ट्री मालिकों के शोषण के खिलाफ– सरकारी हथकंडे अपना रहे हैं। मामला इतना आगे बढ़ता है कि वो अभिलाष वर्सेज संदीप भैया तक जा पहुंचता है।
ज़िंदगी का हर रंग लिए हुए एस्पीरेंट्स का सीजन-2
कहानी का एक तीसरा ट्रैक भी इसमे उलझा हुआ है, जो एस.के. और घूरी मिलकर कोचिंग शुरु करना चाहते हैं। घूरी, जूतों की फैक्ट्री खरीदकर सरकारी टेंडर भर रहा है, लेकिन बात बन नहीं पा रही है। इसके चलते पहले IFS छोड़ चुकी धैर्या अब अपने एनजीओ को मिलने वाले इंटरनेशनल अवॉर्ड को भी छोड़ने का फैसला कर चुकी है। घुरी, धैर्या और अभिलाष के बीच का बीता कल, फिर एस.के. की उम्मीदें और दीपा के साथ अभिलाष के रिश्ते के बीच अनचाही दूरियां..... एस्पीरेंट्स का सीजन-2, इस बार जैसे ज़िंदगी का हर रंग लिए हुए है।
एस्पिरेंट्स सीजन 2 को 4 स्टार
अभिलाष के इंटरव्यू का मॉक टेस्ट, जैसे खुद के अंदर झांकने की खिड़की बन गया है। 35 से 45 मिनट के बीच के 5 एपिसोड बहुत कुछ कहते हैं और क्लाइमेक्स में संदीप भैया के बदले की कहानी वाला ट्विस्ट, एक नए धमाकेदार सीज़न की बुनियाद रखता है। एस्पिरेंट्स सीजन 2 को 4 स्टार।