आर्मी, हाईजैकिंग और सोनाक्षी सिन्हा... फिर भी धमाल नहीं मचा पाई Bade Miyan Chote Miyan, पढ़ें मूवी रिव्यू
Bade Miyan Chote Miyan Movie Review: साल 1998 में एक फिल्म आई थी 'बड़े मियां छोटे मियां'। इस फिल्म का निर्माण प्रोडूसर वासु भगनानी ने अपने प्रोडक्शन हाउस पूजा एंटरटेनमेंट के जरिये किया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन और गोविंदा थे और दोनों का ही डबल रोल था। रवीना टंडन और रम्या कृष्णन फिल्म की लीड एक्ट्रेस थीं, जबकि माधुरी दीक्षित का गेस्ट अपीयरेंस। फिल्म ने 35.21 करोड़ का बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन किया था। आप सोच रहे होंगे कि हम इसपर बात क्यों कर रहे हैं?
दरअसल, पूरे 26 साल बाद आज 11 अप्रैल को सिनेमाघरों में 'बड़े मियां छोटे मियां' रिलीज हुई है। पूजा एंटरटेनमेंट के अंदर बनी इस फिल्म में इस बार अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ हैं। जब फिल्म का टाइटल रिलीज हुआ तो फैंस सुपर एक्साइटेड हो गए। दोनों स्टार्स ने भी देश और विदेश में फिल्म का जमकर प्रमोशन किया। अब जब यह फिल्म आज रिलीज हुई है तो क्या अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की मेहनत सफल हुई है, ये जानने के लिए पढ़ें News24 का रिव्यू…
क्या है फिल्म की कहानी
'बड़े मियां छोटे मियां' की कहानी शुरू होती है मिलिट्री बेस से जहां कर्नल आदिल शेखर आज़ाद (रोनित रॉय) को पता चलता है कि उनके पुराने साथी और साइंटिस्ट डॉक्टर कबीर (पृथ्वीराज सुकुमारन) उनका weapon हाईजैक कर रखा है। इसके जरिए वह भारत की ओर से अन्य देशों पर हमला करने का प्लान कर रहा है। अब कर्नल अपने दो बेहतरीन सैनिक कैप्टन फिरोज उर्फ फ्रेडी (अक्षय कुमार) और कैप्टन राकेश उर्फ रॉकी (टाइगर श्रॉफ) को मिशन के लिए बुलाते हैं। दोनों हमले को रोकने के लिए वेपन को वापस इंडिया लाने की पूरी कोशिश करते हैं।
बता दें कि फिल्म में वेपन कोई और नहीं बल्कि साइंटिस्ट डॉक्टर प्रिया दीक्षित (सोनाक्षी सिन्हा) है, जिसके दिमाग में एक चिप है। इस चिप में 'कर्ण कवच' का कोड है। दरअसल, यह कवच पूरे भारत पर लगा है, जिससे देश हमले से बच सके। फिरोज और राकेश का मिशन है डॉक्टर प्रिया दीक्षित को बचाना। साथ ही हमले को रोकना। तो क्या फ्रेडी और रॉकी देश की सुरक्षा में कामयाब होंगे ये जानने के लिए आपको थिएटर का रुख करना होगा..
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डायरेक्शन और लेखन
बेहतरीन एक्शन फिल्में दे चुके डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने 'बड़े मियां छोटे मियां' की कहानी को लिखा और डायरेक्ट किया है। वहीं फिल्म की कहानी सूरज गिलानी ने भी अपना योगदान दिया है। फिल्म को देखने के बाद लग रहा है कि अली अब्बास ने स्क्रिप्ट राइटिंग और डायरेक्शन में वही तरीका आजमाया है, जो उनकी अन्य फिल्मों में देखने को मिला है। शायद इसलिए 'बड़े मियां छोटे मियां' की पूरी कहानी कमजोर लगी है। मासी फिल्म बनाने के लिए भर भर के एक्शन सीक्वेंस बोर करते हैं। सीरियस सिचुएशन में पंच लाइन फिजूल लगती है।
स्टार कास्ट की एक्टिंग
'बड़े मियां छोटे मियां' में कुल मिलाकर 5 स्टार्स हैं, जबकि एक स्पेशल अपीयरेंस है। अक्षय कुमार की बात करें तो उन्होंने फिल्म में ठीक ठाक काम किया है। फिल्म में उनकी प्रेमिका मानुषी छिल्लर कैप्टन मिसा के किरदार में हैं। उनका रोल बेहतरीन दिखा है। आईटी स्पेशलिस्ट पैम उर्फ अलाया एफ ने अपनी एक्टिंग से बाकी स्टार्स को ओवर-शैडो किया है। टाइगर श्रॉफ भी ठीक-ठाक हैं। पृथ्वीराज सुकुमारन ने साइंटिस्ट कबीर के रोल को बखूबी निभाया है। वहीं दोबारा सोनाक्षी सिन्हा को सीरियस किरदार में देख कर अच्छा लगा।
देखे या न देखे
अगर आपको मासी फिल्में देखने का शौक है तो आप अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की 'बड़े मियां छोटे मियां' को देख सकते हैं। हां देखने से पहले अपने लॉजिकल दिमाग को घर छोड़कर जाना होगा। अगर आपको पूजा एंटरटेनमेंट की इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं तो हमारी सलाह से आप थोड़ा और इंतज़ार कर सकते हैं। इस फिल्म को नेटफ्लिक्स पर देखा जा सकता है।