कभी काटी कलाई, तो कभी खुद को सिगरेट से जलाया, Divya Bharti की मौत आज भी रहस्य
Divya Bharti Death Anniversary: फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे सितारे हैं, जिनकी मौत आज भी रहस्य बनी हुई हैं। फिर चाहे वो सुशांत सिंह राजपूत हो या परवीन बॉबी, फिर चाहे वो जिया खान हो या दिव्या भारती। जी हां, आज मशहूर अभिनेत्री दिव्या भारती की डेथ एनिवर्सरी है।
आज दिव्या की डेथ एनिवर्सरी
दिव्या को गए 31 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी लोगों के मन में ये सवाल कई बार हिलोरे खाता है कि क्या सच में दिव्या ने सुसाइड किया था या फिर ये एक मर्डर था। भले ही इस केस में शक के घेरे में आए सभी लोगों को क्लीन चिट मिल गई, लेकिन सुसाइड और मर्डर की पहेली तो आज भी रहस्य ही है। दिव्या की डेथ एनिवर्सरी पर आपको बताते हैं कि आखिर उनको लेकर क्या-क्या बातें सामने आई थीं?
मां का अजीबो-गरीब दावा
अपने बच्चे के बारे में भला कौन मां-बाप कुछ गलत चाहेगा। जी हां, जब दिव्या की मौत हुई तो उनकी मां ने कहा कि जब दिव्या को गुस्सा आता था तो वो खुद को नुकसान पहुंचाती थी। दिव्या ने अपनी मौत से पहले खुद को सिगरेट से जलाया भी था। जब वो अमेरिका गई थी तो वहां किसी बात को लेकर वो बहुत परेशान थी और गुस्से में दिव्या ने खुद को जलती सिगरेट से नुकसान पहुंचाया। इतना ही नहीं बल्कि दिव्या भारती के बारे में ये भी बातें सामने आई थी कि जब वो फिल्मा राधा का संगम के सेट पर थी तो उन्होंने अपनी कलाई ही काट ली। उस टाइम लोगों का रिएक्शन आया कि वैसे तो ये बातें सुनने में डिप्रेशन की ओर इशारा करती हैं, लेकिन किसी मां का अपनी बेटी के लिए इस तरह का दावा भी बड़ा अजीबो-गरीब-सा नजर आता है।
कैसे हुई दिव्या की मौत?
दरअसल, इस कहानी से वैसे तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन आज ही के दिन अभिनेत्री ने दुनिया को अलविदा कहा था तो इस पर बात करना तो बनता है। तो ये उस दिन की बात है जब दिव्या बेहद खुश थी क्योंकि उनके फ्लैट की डील फाइनल हो गई थी। फिर शाम को ड्राइंग रूम में बैठकर अपनी ड्रेस को फाइनल कर रही थी और तभी अचानक दिव्या उठती हैं और किचन में मौजूद 12 इंच की खिड़की पर बैठने की कोशिश करती हैं, लेकिन ऐसा करने के चक्कर में वो वहां से (5वीं मंजिल) से नीचे गिर जाती हैं और उनकी मौत हो जाती हैं। अब सुनने में तो हर कोई इस कहानी को सुनकर सुसाइड ही बताएगा, लेकिन फिर कुछ ऐसी चीजें सामने आई जिसने इस सुसाइड की कहानी को मर्डर की कहानी का रूप दिया।
क्या थी शक की वजह?
दरअसल, अगर कहानी की हर पन्ने को पलटा जाए तो नजर जाती है उस खिड़की पर जहां दिव्या बैठना चाहती थी। अरे भई जाए भी क्यों ना क्योंकि दिव्या के घर की हर एक विंडो पर ऑटो- स्टॉपर लगे थे, लेकिन सिर्फ वही एक ऐसी खिड़की थी जिस पर कोई भी ऑटो- स्टॉपर नहीं था। अब ऐसे में शक तो होगा ना... इतना ही नहीं बल्कि उस खिड़की के नीचे एक पार्किंग लाॅन था, जहां पर हर रोज बेशुमार गाड़ियों की कतार होती थी उस दिन वहां गाड़ियों की कतार तो छोड़ों एक गाड़ी भी नहीं थी.... हुआ ना शक... तो यहीं वजह थी।
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