सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोपी 5 साल तक इंडस्ट्री में बैन… हेमा कमेटी रिपोर्ट के बाद उठाया कदम

Sexual Harassment In Film Industry: जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद तमिल संगठन ने बड़ा कदम उठाया है। नदिगर संगम ने प्रस्ताव पारित करते हुए यौन शोषण अपराधियों को 5 साल के लिए बैन करने की बात कही गई है।

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Sexual Harassment In Film Industry.

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Sexual Harassment In Film Industry: जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काफी उथल-पुथल मची हुई है। अब तक कई सेलिब्रिटी हैं, जिन पर यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं। बीते दिनों ही एक्टर निविन पॉली पर एक महिला ने सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। अब इन सभी मामलों को देखते हुए तमिल फिल्म, टीवी और स्टेज कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ 'नदिगर संगम' ने बुधवार को अपनी आंतरिक समिति की बैठक की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान संगठन ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि जेंडर संवेदनशीलता और आंतरिक समिति की ओर से तमिल फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न पीड़ितों को सभी तरह की कानूनी सहायता दी जाएगी।

अपराधियों को किया जाए बैन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि 'अगर किसी महिला की तरफ से यौन उत्पीड़न या अन्य संबंधित विषय पर कोई शिकायत आती है तो इसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए। अगर शिकायत सही पाई जाती है तो फिल्म निर्माता संघ को अपराधियों को फिल्म इंडस्ट्री से 5 साल के लिए बैन करने की सिफारिश की जाएगी।' हालांकि प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कथित तैयारी करने वालों को पहले चेतावनी दी जाएगी जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यूट्यूब कंटेंट के खिलाफ भी मिलेगी सुविधा

बता दें कि बीते बुधवार को जेंडर संवेदनशील और आंतरिक समिति की बैठक करने के बाद समिति ने यह भी कहा कि महिला पीड़ित अपनी शिकायत अभिनेता संगठन के समक्ष एक समर्पित फोन नंबर के जरिए दर्ज करा सकती हैं। ये नंबर पहले ही स्थापित किया जा चुका है। इसके अलावा इस उद्देश्य के लिए एक नया ईमेल आईडी भी बनाया गया है। नदीगर संगम ने प्रस्ताव में आगे कहा है कि 'इसके जरिए उन्हें भी सहायता दी जाएगी जो यूट्यूब चैनलों के कंटेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं।'

नदीगर संगम ने अपने बयान में आगे कहा कि 'अभिनेता संगठन ने पीड़ितों को सलाह दी है कि वो अपनी शिकायत के बारे में मीडिया से बातचीत करने से पहले सीधे संगठन से संपर्क करें।' गौरतलब है कि तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि मलयालम इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर यौन शोषण की घटनाएं सामने आई हैं।

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